अर्थव्यवस्था को लेकर ये कहा नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन ने

Economy: कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर पनगढ़िया ने कहा कि आम धारणा के विपरीत भारत में निजी निवेश निश्चित रूप से पहले ही बढ़ चुका है

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बिज़ोम की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी श्रेणियों में 13% और 35% के बीच वृद्धि हुई, लेकिन होम केयर में 8% की गिरावट दर्ज की गई है

बिज़ोम की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी श्रेणियों में 13% और 35% के बीच वृद्धि हुई, लेकिन होम केयर में 8% की गिरावट दर्ज की गई है

Economy: भारतीय अर्थव्यवस्था (Economy) के फंडामेंटल्स मजबूत है. FY21 की तीसरी और चौथी तिमाही में वास्तविक जीडीपी पहले से ही महामारी से पहले के स्तर को पार कर चुकी है. नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया (former Niti Aayog vice-chairman) ने ये बयान दिया. हालांकि पनगढ़िया ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में इस बात पर भी जोर दिया कि देश को जल्द से जल्द और निर्णायक रूप से कोविड-19 पर विजय प्राप्त करने की आवश्यकता है.

इस बीच, इस वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड 20.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई. कोविड की विनाशकारी दूसरी लहर के बावजूद पिछले साल के बहुत कमजोर आधार और विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में शार्प रिबाउंड से मदद मिली. विशेषज्ञों (experts) के विभिन्न अनुमानों के अनुसार, भारत अब इस वर्ष दुनिया की सबसे तेज वृद्धि (world’s fastest growth this year) हासिल करने की राह पर है. वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने 2021 में भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के 8.3% के रेट से बढ़ने का अनुमान लगाया है.

भारत में निजी निवेश पहले से बढ़ा

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर पनगढ़िया ने कहा कि आम धारणा के विपरीत, भारत में निजी निवेश (private investment) निश्चित रूप से पहले ही बढ़ चुका है.

उन्होंने कहा, ‘FY21 की तीसरी और चौथी तिमाही में, ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन (GFCF) क्रमशः सकल घरेलू उत्पाद का 33 प्रतिशत और 34.3 प्रतिशत था, जो एक साल पहले की इसी (पूर्व-कोविड-19) तिमाहियों की तुलना में अधिक था.’

क्या हाई CPI और WPI चिंता का विषय?

विदेशी पूंजी प्रवाह पर एक सवाल का जवाब देते हुए, प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा कि उन्होंने भारत को चुना क्योंकि उन्हें लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था से उन्हें ज्यादा रिटर्न मिलेगा.

वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या हाई सीपीआई और डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति चिंता का विषय है? पनगढ़िया ने कहा, ‘वास्तव में, ऐसे समय में जब अर्थव्यवस्था अभी भी सुधार के चरण में है, मुद्रास्फीति का 6 प्रतिशत की रेंज में होना अच्छी बात है.

उन्होंने कहा, ‘जब अर्थव्यवस्था पूरी क्षमता से कम पर चल रही है तो थोड़ी अधिक मुद्रास्फीति फर्मों की ग्रोथ में मदद कर रही है.’

Published - October 4, 2021, 04:12 IST