नीति आयोग के वाइस चेयरमैन डॉ. राजीव कुमार ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत से अधिक बढ़त दर्ज कर सकती है. खरीफ फसलों की रिकॉर्ड पैदावार और राबी फसलों से अच्छी उम्मीदों से इकॉनमी रफ्तार पकड़ेगी. इससे ग्रामीण मांग बढ़ेगी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का रिवाइवल बढ़ेगा.
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि महंगाई बढ़ रही है, जिसका असर आर्थिक विकास पर पड़ेगा. सप्लाई चेन बिगड़ी हुई है और एनर्जी प्राइसेज बढ़ रही हैं.
कुमार का कहना है कि निर्यात में बढ़ोतरी होने से आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा.
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने यह भी बताया कि कॉन्टैक्ट-इंटेनसिव सर्विस सेक्टर भी धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ेगा. देश ने 21 अक्टूबर को एक लाख करोड़ कोरोना वैक्सीन के डोज लगाए जाने का रिकॉर्ड दर्ज किया था. उन्होंने कहा कि तेजी से वैक्सीनेशन होने से भविष्य की संभावित लहरों का खतरा घटेगा.
रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष का ग्रोथ प्रोजेक्शन का अनुमान 10.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है. IMF ने 2021 के लिए 9.5 फीसदी और अगले साल के लिए 8.5 पर्सेंट का अनुमान दिया है.
कुमार ने कहा कि देश ने सितंबर में इकनॉमिक रिकवरी की रफ्तार बरकरार रखी, जिसका अनुमान मैन्युफैक्चरिंग PMI से लगाया जा सकता है. यह बढ़त के साथ 53.7 पहुंच गया, जो अगस्त में 52.3 था. वहीं, सर्विसेज PMI अगस्त के 56.7 से घटकर 55.2 पर आ गया.
उन्होंने आगे बताया कि पावर कंजम्पशन, रेलवे का किराया, GST कलेक्शन, ई-वे बिल आदि भी विकास का संकेत दे रहे हैं. इनसे आर्थिक गतिविधियां बढ़ने के भी इंडिकेशन मिल रहे हैं.
वाइस चेयरमैन ने कहा कि इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन (IIP) में अगस्त 2021 में सालाना आधार पर 11.9 प्रतिशत की बढ़त रही. कोर सेक्टर का उत्पादन विकास 11.6 पर्सेंट रहा, जिससे इंडस्ट्रियल और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में मजबूत गतिविधियों का पता चलता है.