प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के सदस्य संजीव सान्याल ने गुरुवार को कहा कि भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ की परफॉर्मेंस ‘अच्छी’ है. उन्होंने कहा कि इसे बरकरार रखने के लिए अब कुछ प्रयासों की जरूरत होगी, क्योंकि बाहरी माहौल को लेकर चिंताएं हैं जो पूरी तरह दूर नहीं हुई हैं. सान्याल ने कहा कि यदि मौसम की स्थिति और मानसून अनुकूल रहा तो उम्मीद है कि फूड प्राइसेज में भी नरमी आएगी. यह ऐसी स्थितियां तैयार करेगा जो 7 फीसद या उससे अधिक की ग्रोथ रेट के लिए काफी अनुकूल होंगी, जिससे कुछ हद तक अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों से भी आगे बढ़ा जा सकेगा.
इकोनॉमिक ग्रोथ बनाए रखने की जरूरत
सान्याल ने कहा कि हमारा मौजूदा इकोनॉमिक ग्रोथ परफॉर्मेंस काफी अच्छा है. अब काम इसे बनाए रखने का होगा. साल 2023 के अंतिम 3 महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर 8.4 फीसद बढ़ी जो डेढ़ साल में सबसे तेज गति है. अक्टूबर-दिसंबर में वृद्धि दर पिछले तीन वर्षों में 7.6 फीसद से अधिक रही और इससे पिछले वित्त वर्ष (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) के अनुमान को 7.6 फीसद तक ले जाने में मदद मिली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (GDP Growth Rate) 7 फीसद रहने का अनुमान लगाया है.
एक्सटर्नल फैक्टर्स चिंता का विषय
सान्याल ने कहा कि हम अपनी अर्थव्यवस्था में डोमेस्टिक ग्रोथ की रफ्तार को लेकर बहुत आश्वस्त हैं, लेकिन निश्चित रूप से बाहरी माहौल को लेकर चिंताएं हैं जो पूरी तरह से दूर नहीं हुई हैं. सान्याल ने बताया कि निर्यात काफी कमजोर बना हुआ है और वैश्विक निर्यात में अभी कोई गति नहीं दिख रही है. उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में तनाव, यूक्रेनी हमलों में रूसी तेल सुविधाओं का नष्ट होना तथा कई अन्य कारणों से हाल ही में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई और यह 91 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई. खाने-पीने की चीजों की महंगाई के लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन के बारे में पूछे जाने पर सान्याल ने कहा कि ऊंची खाद्य कीमतें…काफी हद तक उत्पादन संबंधी समस्या नहीं है, बल्कि वास्तव में भंडारण की समस्या है.
इकोनॉमिक ग्रोथ है बेरोजगारी का समाधान
भारत में बेरोजगारी संबंधी सवाल पर सान्याल ने कहा कि नौकरियों का सृजन करने की जरूरत है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इकोनॉमिक ग्रोथ ही अंततः बेरोजगारी का सबसे महत्वपूर्ण समाधान है. सान्याल ने कहा कि इसलिए अगले कई वर्षों में इस ग्रोथ रेट को बढ़ाना बेहद महत्वपूर्ण है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के बेरोजगार वर्ग में 80 फीसद से अधिक युवा हैं.