मार्च के दौरान देश में रिटेल महंगाई दर 9 महीने के निचले स्तर पर दर्ज की गई है, लेकिन रिटेल महंगाई में करीब 46 फीसद योगदान देने वाली खाद्य महंगाई दर अब भी ऊपरी स्तर पर बनी हुई है. यानी खाने की महंगाई अब भी ऊपरी स्तर पर है. सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च के दौरान रिटेल महंगाई दर 4.85 फीसद दर्ज की गई है जो जून 2023 के बाद सबसे निचला स्तर है. इससे पहले फरवरी के दौरान रिटेल महंगाई दर 5.09 फीसद दर्ज की गई थी.
आंकड़ों के मुताबिक मार्च के दौरान खाद्य महंगाई दर 7.68 फीसद रही है. खाद्य महंगाई को ऊपरी स्तर पर बनाए रखने में सबसे ज्यादा योगदान सब्जी, मसाले, अनाज अंडे और दालों का है. दालों की महंगाई दर तो बढ़कर 17.71 फीसद तक पहुंच गई है. इसके अलावा सब्जियों की महंगाई दर 28 फीसद, मसालों की 11.40 फीसद, अंडों की 10.33 फीसद और अनाज की 8.37 फीसद दर्ज की गई है. हालांकि खाद्य महंगाई में खाने के तेल, फल और पैक्ड स्नैक्स की महंगाई घटी है.
मार्च के दौरान महंगाई को 9 महीने के निचले स्तर तक लाने में हाउसिंग ट्रांस्पोर्ट तथा कम्युनिकेश महंगाई में आई गिरावट का भी योगदान है. इन दोनों सेगमेंट का महंगाई के इंडेक्स में करीब 19 फीसद वेटेज है.
राज्यवार महंगाई दर की बात करें तो मार्च के दौरान सबसे कम महंगाई दिल्ली में दर्ज की गई है जहां पर सिर्फ 2.29 फीसद महंगाई दर रही है. 13 राज्य ऐसे हैं जहां पर महंगाई की दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रही है और बाकी राज्यों में महंगाई की दर राष्ट्रीय औसत से कम है. सबसे ज्यादा महंगाई वाले राज्यों में ओडिशा, असम, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान हैं.