स्किल्ड वर्कर की कमी के कारण इन 9 सेक्टर्स में नहीं भरी जा सकीं 2 लाख वैकेंसी

सर्वे में ये जानकारी सामने आई है क‍ि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में स्किल्ड वर्कर की कमी व अन्य फैक्टर्स के चलते 9 सेक्टरों में 187,062 वैकेंसी थी

Uranium Corporation of India Recruitment for Apprentice Posts, 29th October is the last date

यह भर्ती अभियान संगठन में कुल 61 रिक्त पदों को भरने के लिए चलाया जा रहा है. अगर आप कोरोना काल में नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो ये आपके लिए अच्‍छा मौका है

यह भर्ती अभियान संगठन में कुल 61 रिक्त पदों को भरने के लिए चलाया जा रहा है. अगर आप कोरोना काल में नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो ये आपके लिए अच्‍छा मौका है

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में स्किल्ड वर्कर की कमी और अन्य फैक्टर्स के चलते 9 सेक्टरों में 187,062 वैकेंसी थी. यह अप्रैल-जून 2021-22 तक इन प्रतिष्ठानों की दी गई कुल नौकरियों का 0.6 प्रतिशत से थोड़ा ज्यादा है. क्वार्टरली एम्प्लॉयमेंट सर्वे (QES) में ये जानकारी सामने आई है. एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है.

कौन से हैं नौ सेक्टर

ये नौ सेक्टर हैं विनिर्माण (manufacturing), निर्माण (construction), व्यापार (trade), परिवहन (transport), शिक्षा (education), स्वास्थ्य (health), आवास (accommodation) और रेस्तरां (restaurants), आईटी/बीपीओ (IT/BPOs) और वित्तीय सेवायें (financial services). इन सेक्टरों ने 30.8 अरब लोगों को रोजगार दिया है.

आधे से ज्यादा वैकेंसियों में विनिर्माण का योगदान

इनमें से आधे से अधिक वैकेंसियों (99,429) में विनिर्माण का योगदान था जिन्हें इस पीरियड के दौरान भरा जाना था. विनिर्माण क्षेत्र में 4.5 प्रतिशत प्रतिष्ठानों ने वैकेंसियों की सूचना दी है. IT/BPO सेक्टर में भी इस अवधि के दौरान प्रतिष्ठानों के समान अनुपात में जॉब्स थे जिन्हें भरा नहीं जा सका. कुल संख्या की बात करें तो इस क्षेत्र में 2,793 प्रतिष्ठानों में वैकेंसियां थीं.

वैकेंसियों का क्या है कारण?

ये नौकरियां इस्तीफे, सेवानिवृत्ति और स्किल्ड वर्कर की कमी के कारण हुईं. सर्वे में दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि स्किल्ड वर्कर की कमी 39% से अधिक वैकेंसियों के लिए जिम्मेदार थी.

निर्माण क्षेत्र में वैकेंसी का एकमात्र कारण स्किल्ड वर्कर की कमी थी. स्किल्ड वर्कर की कमी इस क्षेत्र में 94.8 प्रतिशत वैकेंसियों के लिए जिम्मेदार थी. BPO दूसरा क्षेत्र था जिसमें स्किल्ड वर्कर्स की तलाश की गई थी लेकिन वह उन्हें नहीं मिले. ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग में भी, इस्तीफे और सेवानिवृत्ति के बजाय स्किल्ड वर्कर की अनुपस्थिति के कारण वैकेंसियों की संख्या ज्यादा थी.

हालांकि शिक्षा और ट्रांसपोर्टेशन में अधिकांश रिक्तियां वरिष्ठ कर्मचारियों की रिटायरमेंट के कारण हुईं. स्वास्थ्य के साथ-साथ आवास और रेस्तरां क्षेत्रों में रिक्तियों का सबसे बड़ा कारण रिजाइन थे.

स्किल्ड वर्कर की कामी पर ध्‍यान देना होगा

ऑल इंडिया सर्वेज पर एक्सपर्ट ग्रुप के चेयरमैन मुखर्जी ने कहा कि सर्वे से पता चलता है कि स्किल्ड वर्कर की काफी कमी है. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय को इस एरिया पर फोकस करना होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल 18% प्रतिष्ठान फॉर्मल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाते हैं वो भी ज्यादातर अपने खुद के कर्मचारियों के लिए. प्रशिक्षण प्रदान करने वाले अनुमानित प्रतिष्ठानों की अधिकतम संख्या IT/BPO क्षेत्र (29.8 प्रतिशत) के बाद वित्तीय सेवाओं (22.6 प्रतिशत) और शिक्षा (21.1 प्रतिशत) में थी.

Published - September 29, 2021, 04:37 IST