5 साल के निचले स्तर पर पहुंच सकता है हीरा निर्यात

केयरएज रेटिंग्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में कटे और पॉलिश किए गए हीरे का निर्यात 15-16 अरब डॉलर रहने का अनुमान है

5 साल के निचले स्तर पर पहुंच सकता है हीरा निर्यात

रूस-युक्रेन युद्ध, अमेरिका और चीन में आर्थिक गतिविधियां कमजोर रहने की वजह से वित्त वर्ष 2024 में भारत से कटे और पॉलिश किए गए हीरे (CPD) का निर्यात 5 साल के निचले स्तर तक पहुंच सकता है. केयरएज रेटिंग्स ने यह अनुमान जारी किया है. केयरएज रेटिंग्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में कटे और पॉलिश किए गए हीरे का निर्यात 25-30 फीसद की गिरावट के साथ 15-16 अरब डॉलर रहने का अनुमान है. निकट भविष्य में हीरों की मांग कम रहने की आशंका है और केयरएज रेटिंग्स को वित्त वर्ष 2025 के दौरान भी निर्यात में कोई खास सुधार की उम्मीद नहीं है.

दुनियाभर में पॉलिश्ड हीरे की कुल खपत में भारत की हिस्सेदारी 90-95 फीसद है. बता दें कि भारत दुनियाभर में हीरे की कटाई और पॉलिशिंग के लिए सबसे बड़ा केंद्र है. भारत के हीरा निर्यात में अमेरिका और चीन दोनों की हिस्सेदारी करीब 65 फीसद है. कोरोना वायरस महामारी के बाद हीरे के आभूषणों की मांग में बढ़ोतरी की वजह से सीपीडी निर्यात वित्त वर्ष 2022 में 24.43 अरब डॉलर और वित्त वर्ष 2023 में 22.04 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था. हालांकि अमेरिका, चीन में आर्थिक सुस्ती, लैब में विकसित हीरों (LGD) का बढ़ता बाजार और भूराजनीतिक तनाव की वजह से कटे और पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात प्रभावित हुआ है और यही वजह है कि सालाना आधार पर इसके निर्यात में 28 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोग बाजारों में आर्थिक सुधार, भूराजनीतिक परिदृश्य और डायमंड ज्वैलरी के लिए ग्राहकों की प्राथमिकता से मध्यम अवधि में भारत से कटे और पॉलिश किए गए हीरे का निर्यात प्रभावित होने का अनुमान है. केयरएज रेटिंग्स के मुताबिक कम कैरेट के हीरे (0.3 कैरेट से कम) में काम करने वाले कारोबारी प्रमाणित हीरों का कारोबार करने वाली संस्थाओं की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं. दरअसल, कम कैरेट के हीरों की कीमत में कम गिरावट देखने को मिली है. साथ ही लैब में विकसित हुए हीरों पर भी सीमित प्रभाव पड़ा है.

Published - March 6, 2024, 05:04 IST