केंद्र ने इस फिस्कल में अब तक वार्षिक आधार पर 74 प्रतिशत अधिक (5.70 लाख करोड़ रुपये) डायरेक्ट टैक्स (TAX) कलेक्शन किया है. हालांकि इसके बावजूद सरकार ने इसी अवधि के दौरान बाजार में 7.02 लाख करोड़ रुपये की डेब्ट सिक्योरिटी बेचकर बजट राशि का 58 प्रतिशत भारी उधार भी लिया. शुक्रवार को सरकारी प्रतिभूतियों की साप्ताहिक नीलामी में 6.15% के एवरेज प्राइज पर लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म डेब्ट में 31,000 करोड़ रुपए जुटाए गए. इसके बाद शुक्रवार को ही राजस्व विभाग ने कहा कि इस फिस्कल में नेट पर्सनल इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट कलेक्शन 74 प्रतिशत बढ़कर 5.70 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसे मुख्य रूप से एडवांस टैक्स और टीडीएस पेमेंट ने ड्राइव किया.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने अपने बयान में कहा, ‘1 अप्रैल से 22 सितंबर के बीच नेट डायरेक्ट टैक्स (ग्रॉस कलेक्शन से रिफंड काटने के बाद) का कलेक्शन 5,70,568 करोड़ रुपए था. पिछले फिस्कल की समान अवधि में 3.27 लाख करोड़ रुपए का कलेक्शन हुआ था. ये 74.4% की वृद्धि है. वहीं नेट कलेक्शन FY20 में एकत्र किए गए 4.48 लाख करोड़ की तुलना में 27% अधिक है.
केयर रेटिंग्स के मुताबिक, शुक्रवार की साप्ताहिक नीलामी में सरकार ने 5, 13, 14 और 30 साल की प्रतिभूतियों को बेचकर ₹31,000 करोड़ का कर्ज लिया. इसके साथ ही इस फिस्कल में अब तक मार्केट से कुल उधार ₹7.02 लाख करोड़ हो गया. पिछले फिस्कल की तुलना में यह 8% कम है. तब यह ₹7.66 लाख करोड़ थी. FY22 में अब तक उठाया गया कर्ज फिस्कल ईयर के लिए ₹12.05 लाख करोड़ की कुल बजटीय उधार सीमा का 58% है.
यह नोट किया जा सकता है कि सरकार पिछले अप्रैल से प्रत्येक लीटर पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी के तौर पर 32.90 रुपये और डीजल पर 31.80 रुपये कलेक्ट कर रही है. इससे उसने FY21 में 3.35 लाख करोड़ रुपए कलेक्ट किए हैं.
सीबीडीटी ने कहा कि इस फिस्कल में अब तक ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 6.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. पिछले वर्ष की समान अवधि के 4.39 लाख करोड़ से यह 47% ज्यादा है. FY20 की समान अवधि के 5.53 लाख करोड़ रुपये से ये 16.75% ज्यादा है.
कुल संग्रह में से 2.53 लाख करोड़ रुपये एडवांस टैक्स है और सोर्स पर टैक्स कटौती (tax deducted at source) 3.19 लाख करोड़ रुपये. 41,739 करोड़ रुपये का सेल्फ असेसमेंट टैक्स (Self-assessment tax), 25,558 करोड़ रुपये का रेगुलर असेसमेंट टैक्स (regular assessment tax), 4,406 का डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (dividend distribution tax) और 1,383 करोड़ के अन्य टैक्स के टोटल ने कुल संग्रह को पिछले साल के स्तर से 74 प्रतिशत अधिक पर पहुंचा दिया हैं.