Demand Of Petrol-Diesel: सितंबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की खपत में बढ़ोतरी जारी रही और ये महामारी के पूर्व 2019 की समान अवधि से 8% से अधिक बढ़ गई है. हालांकि डीजल की बिक्री में वृद्धि धीमी रही. इसकी वजह बारिश है जिसने मांग को कम कर दिया. टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसे लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. डोमेस्टिक टूरिज्म के पुनरुत्थान (resurgence) के कारण जेट ईंधन की मांग में एक साल पहले की तुलना में आश्चर्यजनक रूप से डबल डिजिट ग्रोथ देखी गई. हालांकि यह अभी भी महामारी के पहले के स्तर तक नहीं पहुंची है. ये सेल एक साल पहले की तुलना में 29% से अधिक और अगस्त की इसी अवधि से 8.7% बढ़ी, लेकिन 2019 की तुलनात्मक अवधि से 41% कम थी.
पेट्रोल की बिक्री बढ़ी, डीजल की घटी
पेट्रोल की बिक्री 2020 की समान अवधि की तुलना में 5.7% अधिक और अगस्त के पहले पखवाड़े की तुलना में 3.4% अधिक थी. इसका कारण तेजी से टीकाकरण था. टीकाकरण के चलते इंटर-स्टेट ट्रैवल आसान हुआ. लोगों ने निजी वाहनों को प्राथमिकता दी.
इसके विपरीत, डीजल की मांग 2019 की तुलनात्मक अवधि में लगभग 7% कम और एक साल पहले की तुलना में लगभग 1.5% कम रही. मासिक आधार पर भी सितंबर के पखवाड़े में बिक्री अगस्त की समान अवधि की तुलना में लगभग 1% कम रही.
डीजल की मांग में गिरावट का क्या है कारण?
इंडस्ट्री एग्जीक्यूटिव्स ने डीजल की मांग में सुस्ती को सीजनल फिनोमिना बताया. देश के सबसे बड़े ईंधन रिटेलर के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने कहा, अगली तिमाही में मोटर ईंधन की मांग महामारी के पहले के स्तर को पार कर जाएगी. हालांकि वह मानते हैं कि जेट ईंधन में थोड़ा और समय लगेगा.
एक ऑयल कंपनी के एग्जीक्यूटिव ने कहा, ‘हर साल मानसून के दौरान डीजल की मांग गिरती है क्योंकि अच्छी बारिश में किसानों को सिंचाई पंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती.
उन्होंने कहा, बाढ़ ने माल ढुलाई और निर्माण गतिविधियों को बाधित कर दिया है और इससे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट भी प्रभावित हुए हैं. ये सभी क्षेत्र सेक्टर डीजल उपभोक्ता हैं.’