केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का बड़ा कैबिनेट फेरबदल होने के बाद बुधवार को नई कैबिनेट की पहली बैठक (cabinet meeting) हुई. इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी है. केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के डियरनेस अलाउंस (DA) और डियरनेस रिलीफ (DR) यानी महंगाई भत्ते और महंगाई राहत पर पिछले साल जनवरी से लगी हुई रोक को हटा दिया है. इन कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते की 3 किस्तें देने का फैसला कैबिनेट ने किया है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने रुके हुए DA में 11 फीसदी का इजाफा किया है और इसे 28% कर दिया है. अभी डीए की दर 17 फीसदी थी.
सरकार के इस फैसले से लाखों की संख्या में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को फायदा होगा.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में कुछ बड़े निर्णय हुए हैं. गारमेंट, अपैरल, टेक्सटाइल्स के क्षेत्र में भारत में रोजगार भी पैदा होते हैं और लाखों रुपये का निर्यात भी होता है. ROSCTL स्कीम को जारी रखा जाएगा. इससे इस सेक्टर को फायदा होगा, नौकरियां भी पैदा होंगी. भारत की कंपनियों को प्रतिस्पर्धा करने में मजबूती मिलेगी. टैक्स पर रिेबेट को 2024 तक जारी रहेगा. ये योजना 1 जनवरी 2021 से जारी रहेगी.
तीन किस्तें मिलेंगी
बढ़े हुए DA/DR को 1 जुलाई 2021 से लागू किया जाएगा. इसके तहत तीन अतिरिक्त किस्तें दी जाएंगी. DA को बढ़ाकर 28% किया गया है. ये मौजूदा 17 फीसदी से 11 फीसदी का इजाफा है.
सरकार इस मद पर 34401 करोड़ रुपये का खर्च करेगी.
एरियर और जुलाई की किस्त नहीं
हालांकि, सरकार ने पिछले साल से अब तक का DA/DR का एरियर देने का ऐलान नहीं किया है. साथ ही जुलाई की किस्त देने पर भी कोई फैसला नहीं हुआ है.
ग्रामीण भारत से जुड़ा फैसला हुआ है. डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंडरी और डेयरी में योजना चल रही है. 9,800 करोड़ रुपये केंद्र सरकार खर्च करेगी. इस पर बड़ा निवेश आएगा. तीन योजनाएं इसमें सम्मिलित हैं. राष्ट्रीय गोकुल मिशन, देसी पशुओं को आधुनिक तकनीक के जरिए बढ़ावा दिया जाएगा. किसानों को फायदा होगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी. डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम को व्यापक रूप से चलाया जाएगा. अब पशुओं के लिए भी एंबुलेंस सर्विस शुरू होगी. कुल 54618 करोड़ रुपये का निवेश होगा. केंद्र का खर्च करीब 9000 करोड़ रुपये होगा.
आयुष मंत्रालय के तहत होने वाले कामकाज को कैसे मजबूती दी जाए इसके लिए नेशनल आयुष मिशन को वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक जारी रखा जाएगा. कुल खर्च 4607 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
12000 आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर, 6 आयुष कॉलेज और 36 नए आयुष अस्पताल खोले जाएंगे.
देश से शिपिंग की बड़ी भूमिका रहती है. इसी नजरिए से मर्चेंट शिप्स के भारत में रजिस्ट्रेशन को सब्सिडी देने की मांग थी. इस पर भी फैसला हुआ है.
अदालतों का इंफ्रास्ट्रक्चर होगा मजबूत
अदालतों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए सरकार ने 9000 करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया है. इसके तहत 3800 कोर्ट हॉल और 4000 रेजिडेंशियल यूनिट बनाए जाएंगे. करीब 9000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.