कुछ क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक्सचेंजों पर नए साइन-अप में गिरावट देखी जा रही है. इसकी वजह है भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर अस्पष्टता. दरअसल, केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 पेश करने जा रही है. पिछले हफ्ते इस बिल से जुड़ी जानकारी सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगेगा और बिल की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए सुविधाजनक फ्रेमवर्क मिलेगा.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ क्रिप्टो एक्सचेंजों ने नवंबर में अब तक नए साइन-अप में 15-50% की गिरावट दर्ज की है. कुछ निवेशकों के पोजीशन स्क्वायर ऑफ करने और ‘वेट एंड वॉच’ मोड अपनाने के बाद, उन्होंने अपने मंथली ट्रांजैक्शन में भी गिरावट दर्ज की है. बाययूकॉइन (BuyUcoin) के CEO शिवम ठकराल ने कहा, ‘हमने सप्ताह-दर-सप्ताह आधार पर नए साइन-अप में 20% की गिरावट देखी है. हाल के बुल साइकिल के दौरान हमारा एवरेज डेली साइन-अप रेट 8,000-10,000 प्रति दिन था. अभी, हमें हर दिन लगभग 5,000-6,000 नए यूजर मिल रहे हैं.
हालांकि, कुछ बड़े एक्सचेंजों ने दावा किया कि उन्होंने कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा है, खासकर परिपक्व निवेशकों के ट्रेडिंग पैटर्न में. कॉइनस्विच कुबेर के CEO आशीष सिंघल ने कहा, ‘हमने अपने प्लेटफॉर्म पर इन नंबरों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा है क्योंकि हम बड़े पैमाने पर रिटेल इन्वेस्टर्स को केटर करते हैं जो लंबी अवधि के लिए इन्वेस्टमेंट करते हैं.’ छोटे एक्सचेंजों ने कहा कि वे स्टेबल साइन-अप देख रहे हैं. यूनोकॉइन के को-फाउंडर और CEO सात्विक विश्वनाथ ने कहा, ‘हमने साइन-अप की संख्या में बढ़ोतरी देखी है क्योंकि जिन लोगों के पास पहले से ही माइनिंग या पेमेंट के माध्यम से क्रिप्टो एसेट हैं, वे अकाउंट ओपन कर इन्हें बेच रहे हैं.
इकोनॉमिक टाइम्स ने एक शीर्ष सरकारी अधिकारी के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में लिखा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के प्रस्ताव को आगामी बिल में शामिल किया जा सकता है. अधिकारी ने कहा, क्रिप्टोकरेंसी के लिए सरकार का दृष्टिकोण सावधानी भरा और मापा हो सकता है. CBDC के साथ इसकी शुरुआत की जाएगी. केंद्रीय बैंक इसे लॉन्च करेगा और भविष्य में RBI अधिकृत और विनियमित प्राइवेट स्टेबल कॉइन लॉन्च हो सकते हैं. अधिकारी ने कहा, बैंक अकाउंट और क्रेडिट कार्ड जैसे फाइनेंशियल मार्केट के पारंपरिक खिलाड़ियों को क्रिप्टोकरेंसी डिसइंटरमीडिएट कर सकती है और खुद यह जगह ले सकती है. डिसइंटरमीडिएट का मतलब है कि ट्रांजैक्शन सप्लाई चेन में से मिडिलमैन को हटाना.