Consumption of daily groceries: रूरल इंडिया एक बार फिर से एक्शन में दिखाई दे रहा है. जुलाई में ग्रॉसरी कंजम्शन में रूरल इंडिया ने शहरों को पछाड़ दिया है. कंज्यूमर गुड्स के मार्केट में मई में मांग में कमी देखी गई, लेकिन जून और जुलाई में तेजी से सुधार हुआ है. जून की तुलना में जुलाई में गांवों ने डेली ग्रॉसरी और दूसरे जरूरी सामान की खपत में शहरों को पीछे छोड़ दिया. जून में लगभग दो वर्षों में पहली बार अर्बन ग्रोथ ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक थी.
देश भर में 7.5 मिलियन खुदरा स्टोरों की बिक्री को ट्रैक करने वाले बिज़ोम के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने ग्रामीण बाजारों में बिक्री 24 फीसदी बढ़ी, जबकि शहरी बिक्री जून से 14% बढ़ी.
हायर फार्म इनकम और माइग्रेंट वर्कर्स के घर लौटने की वजह से पिछले दो वर्षों में ग्रामीण तेजी से बढ़े हैं. लेकिन गांवों में इस साल दूसरी कोविड लहर के दौरान संक्रमण में वृद्धि देखी गई. इसकी वजह से मई के मुकाबले जून में शहरों की 64 प्रतिशत की ग्रोथ की तुलना में रूरल ग्रोथ केवल 33 प्रतिशत रही.
अप्रैल के आखिर में कोविड के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी की वजह से एफएमसीजी मार्केट की रिकवरी ठप हो गई थी. पहली लहर के विपरीत, इसने ग्रामीण क्षेत्रों को भी प्रभावित किया.
एफएमसीजी कंपनी मैरिको ने कहा कि दूसरी लहर में उनकी कमाई में एकमात्र अंतर ग्रामीण क्षेत्र था. खासकर दक्षिणी बाजार इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए.
मैरिको के एमडी सौगत गुप्ता ने इन्वेस्टर्स से कहा, ‘यह देखते हुए कि मानसून अच्छा है, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर जारी रहेगा, और यदि वैक्सीनेशन रेट अच्छा रहता है और तीसरी लहर नहीं आती है तो हमारा मानना है कि ग्रामीण खपत जारी रहेगी.’