उत्तर भारत में उपभोक्ता खर्च में हुआ सुधार: सर्वे

Axis My India के अनुसार, उत्तर भारत के 50 फीसदी लोगों ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं के खर्च में दोबारा बढ़ोतरी हुई है.

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ज़ारा, मैंगो और अन्य बड़े ब्रांडों सहित विदेशी परिधान खरीदारों ने कीमतें तय करते समय माल ढुलाई लागत को ध्यान में रखने पर सहमति जताई है

ज़ारा, मैंगो और अन्य बड़े ब्रांडों सहित विदेशी परिधान खरीदारों ने कीमतें तय करते समय माल ढुलाई लागत को ध्यान में रखने पर सहमति जताई है

कोरोना की दूसरी लहर की कम होती रफ्तार के बीच देशभर में कंज्यूमर सेंटीमेंट को लेकर एक सर्वे सामने आया है. इसके मुताबिक, उत्तर भारत में उपभोक्ता खर्च (Consumer Expenditure) सुधरा है जबकि पूर्वी भारत इस मामले में अभी भी पीछे है. इस सर्वे को मुंबई की एजेंसी Axis My India ने किया है. सर्वे में देश के 21 राज्यों और 555 जिलों के 10,865 लोगों को शामिल किया गया. सर्वे के मुताबिक, उत्तर भारत के 50 फीसदी लोगों ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं के खर्च में बढ़ोतरी हुई है. जबकि पूर्वी क्षेत्र के लिए यह आंकड़ा 30 फीसदी है और दक्षिण भारत के 48 तथा पश्चिम भारत के लिए 42 फीसदी है. शहरी इलाकों में 42 फीसदी लोगों ने कहा कि उनका खर्च (Consumer Expenditure) दोबारा बढ़ा है जबकि ग्रामीण इलाकों में 45 फीसदी लोगों ने ऐसा होना माना.

आर्थिक गतिविधि में सुधार

अब राज्यों ने ढिलाई देनी शुरू कर दी है. इस बीच, Nomura India Business Resumption Index और Daily Activity and Recovery Tracker Index ने पाया है कि देश में आर्थिक गतिविधि अब दूसरी लहर के पहले के फरवरी 2021 के स्तर पर पहुंच चुकी है.

27% खर्च में कटौती

Axis My India के मुताबिक, 27% लोगों ने माना कि उनके खर्च में कमी आई है. साथ ही इसमें यह भी पाया गया है कि लोगों ने कार और लग्जरी वस्तु पर खर्च करना कम कर दिया है. इसका कहना है, “ कुलमिलाकर, 54 फीसदी परिवारों के घरेलू खर्च में इजाफा हुआ है.”

दूसरी लहर के दौरान, गैर-जरूरी चीजों पर खर्च पर कम हो गया. अब 15 फीसदी परिवारों का कहना है कि ऐसे खर्च बढ़ रहे हैं, वहीं 58 फीसदी परिवारों का मानना है कि यह समान स्तर पर बना हुआ है. जबकि 27 फीसदी परिवारों के लिए इसमें कमी आई है.

स्वास्थ्य पर ध्यान

सर्वे के मुताबिक, सेहत पर लोगों का ध्यान अधिक है. इसका कहना है कि सेहत से जुड़े उत्पादों के मामले में 78 फीसदी परिवारों का खर्च या तो बढ़ा है या फिर समान स्तर पर है. जबकि 22 फीसदी परिवारों के लिए यह खर्च कम हुआ है. साथ ही 28 फीसदी परिवारों ने मीडिया पर अपना खर्च फिर बढ़ाया है, 25 फीसदी ने घटाया है.

हाइब्रिड मॉडल वर्क

सर्वे में पाया गया है कि 80 फीसदी लोग स्कूलों को खोलने के पक्ष में हैं, तथा वे हाइब्रिड मॉडल वर्क को प्राथमिकता दे रहे हैं. बता दें मांग में सुधार आने से ही देश की आर्थिक गतिविधि में सुधार आता है, और कंज्यूमर सेंटीमेंट कंपनियों के लिए संकेतक की भूमिका अदा करता है.

दूसरी लहर पर RBI रिपोर्ट

कोरोना की दूसरी लहर ने कंज्यूमर कॉन्फिडेंस को हिला कर रखा दिया. जून के पहले हफ्ते में आरबीआई ने बताया था कि “मौजूदा स्थिति सूचकांक” मई में 48.5 के निम्न स्तर पहुंच गया जबकि मार्च यह 53.1 पर था.

Axis My India के चेयरमैन प्रदीप गुप्ता का कहना है कि The India Consumer Sentiment Index हमारा महत्वपूर्ण सूचकांक है, इसके जरिए हम महामारी के बाद के हालात का अध्ययन करते हैं.

Published - August 13, 2021, 08:31 IST