यह शिखर सम्मेलन इन उत्पादों में भारत को विश्व चैंपियन बनाने के इच्छुक निवेशकों को प्रोत्साहित करेगा. PC: Pixabay
चिकित्सा उपकरणों को लेकर दुनिया भर में भारत की स्थिति और अधिक मजबूत होने जा रही है. इस संबंध में सरकार लगातार अहम कदम उठा रही है. केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया इसी कड़ी में आगामी 27 अक्टूबर को फार्मास्युटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों से संबंधित एक निवेशक सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
माना जा रहा है कि इस कदम से फार्मास्युटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों के मामले में देश की स्थिति में सुधार होगा और विश्व स्तर पर उसे और अधिक मजबूती मिलेगी. इसी दृष्टिकोण से फार्मास्युटिकल विभाग, इन्वेस्ट इंडिया की भागादारी में यह सम्मेलन होने जा रहा है. आसार हैं कि चिकित्सा उपकरण क्षेत्र अगले कुछ वर्षों के दौरान मौजूदा 11 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगा.
इस शिखर सम्मेलन का विषय- “फार्मास्युटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों में अवसर और भागीदारी” है. यह शिखर सम्मेलन उद्योग के प्रतिभागियों को निम्न विषयों पर आयोजित विस्तृत तकनीकी सत्रों में शामिल होने का सुअवसर प्रदान करेगा:
सत्र I: बायोफार्मा में अवसरों की जानकारी प्रदान करना: विश्व में बायोफार्मा हब के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को मजबूत बनाना
सत्र II: अनुसंधान एवं विकास निवेश: भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में सफलता की कहानियां
सत्र III: लक्ष्य वैक्स: वैक्सीन निर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक सिरे से दूसरे सिरे तक एकीकरण
सत्र IV: फार्मा और चिकित्सा उपरण क्षेत्र में स्टार्टअप्स का वित्तपोषण: वीसी निवेशों का कैसा भविष्य है?
सत्र V: ग्राउंड अप से – थोक दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के तहत अनुमोदित निवेशकों के लिए नियामक प्रक्रियाओं को सहज बनाने के बारे में विचार-विमर्श
फार्मास्युटिकल्स क्षेत्र के इन अहम विषयों पर होगी चर्चा
फार्मास्युटिकल्स क्षेत्र के संबंध में बायो-फार्मास्युटिकल्स में बायोलॉजिक्स व बायो-सिमिलर, सेल और जीन थेरेपी और वैक्सीन निर्माण क्षमताओं में बढ़ोतरी सहित नवाचार उत्पादों के निर्माण में मौजूद अवसरों के बारे में चर्चा की जाएगी. फार्मास्युटिकल्स के लिए PLI 15,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ लॉन्च की गई है. इसमें काफी दिलचस्पी आकर्षित की है. लगभग 278 कंपनियां इस योजना के तहत विचार किए जाने के लिए आवेदन कर रही हैं. यह शिखर सम्मेलन इन उत्पादों में भारत को विश्व चैंपियन बनाने के इच्छुक निवेशकों को प्रोत्साहित करेगा.
50 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की क्षमता
जहां तक चिकित्सा उपकरण क्षेत्र का संबंध है, इनके बारे में आयोजित सत्रों में इस बात पर चर्चा होगी कि भारत चिकित्सा उपकरणों के लिए अवसरों की भूमि के रूप में अपने आप को कैसे विकसित कर सकता है. इसके अलावा शीर्ष नवाचारों के प्रमुख अनुभव से भी अवगत कराया जाएगा. चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र को अधिक संभावना वाले क्षेत्र के रूप में देखा जाता है. इसमें आगे बढ़ने की अपार क्षमता है. इसमें अगले कुछ वर्षों में इसके मौजूदा 11 बिलियन अमरीकी डॉलर के स्तर से बढ़कर 50 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है. यह उल्लेखनीय है कि इस वर्ष की शुरुआत में ही 13 कंपनियों का पीएलआई के तहत चयन किया जा चुका है जो लक्षित उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने में अपने निवेश द्वारा सहायता प्रदान करेंगी.
स्टार्ट-अप इको-सिस्टम के वित्तपोषण को भी किया जाएगा शामिल
आयोजित सत्र में बढ़ते स्टार्ट-अप इको-सिस्टम के वित्तपोषण को भी शामिल किया जाएगा और इनका समापन निवेशों की सुचारू पृष्ठभूमि के बारे में पीएलआई योजनाओं के तहत चुने गए आवेदकों को व्यापक सुविधाएं प्रदान करने वाले सत्र के साथ होगा.