DA arrears: केंद्र सरकार के 1.13 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जनवरी 2020 से जून 2021 तक महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का भुगतान नहीं करने के अपने फैसले पर सरकार दोबारा विचार कर सकती है. बकाया के भुगतान से मांग को बढ़ावा मिलेगा और महंगाई से कुछ राहत मिलेगी. इससे कुछ आर्थिक सुधार भी होगा. सरकार ने जनवरी 2020 से 11% की वृद्धि के साथ डीए वृद्धि को बहाल कर दिया था, लेकिन बकाया का भुगतान नहीं किया. मोटे तौर पर गणना के अनुसार डीए का बकाया लगभग 27,000 करोड़ रुपये है, जिसका भुगतान किश्तों में किया जा सकता है. इसमें पहला भुगतान दिवाली से पहले और बाकी का मार्च 2022 तक किया जाएगा. सरकार द्वारा 3% अतिरिक्त डीए को मंजूरी देने की भी चर्चा है, जो जुलाई 2021 से देय हो गया है.
इस साल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में जोरदार उछाल को देखते हुए सरकार के लिए इस भुगतान के लिए रुपयों का बंदोबस्त करना ज्यादा मुश्किल साबित नहीं होगा. सितंबर तिमाही में जमा 5.7 लाख करोड़ रुपये का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन दिखाता है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से 74 प्रतिशत अधिक है. यहां तक कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) के कलेक्शन ने भी इस वित्तीय वर्ष में मंथली रन रेट एक लाख करोड़ रुपये से अधिक बनाए रखा है.
बकाया का भुगतान मैन्युफैक्चर्स गुड एंड सर्विसेज की डिमांड को बढ़ावा दे सकता है, क्योंकि कोविड के केस कम होने के साथ अब अर्थव्यवस्था संभल रही है. यह भुगतान कंज्यूमर गुडस और ऑटोमोबाइल आदि की मांग को बढ़ा सकता है और अर्थव्यवस्था को बेहतर और तेज रिकवरी हासिल करने में मदद कर सकता है.
पिछले हफ्ते आरबीआई ने 2021-22 के लिए अपने जीडीपी विकास लक्ष्य को 9.5% पर बनाए रखा, लेकिन विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश के विकास के अनुमान को 10.1% के पहले के अनुमान की तुलना में संशोधित कर 8.3% कर दिया.
नकारात्मक पहलू यह है कि अतिरिक्त भुगतान से राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करना थोड़ा कठिन हो सकता है. जैसे ही भारत अगले साल विश्व बांड सूचकांक में प्रवेश करता है, राजकोषीय घाटे के लक्ष्यों का पालन करना रेटिंग को बनाए रखने के लिए अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है.