उस समय दैनिक बिजली की खपत 390 करोड़ यूनिट के पहले पखवाड़े के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी
पिछले कुछ दिनों से यह खबर सामने आ रही है कि देश के इस राज्य में कुछ दिन का कोयला शेष बचा है या फिर इस राज्य में बिजली उत्पादन खत्म होने की कगार पर है. इन खबरों के बाद ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of Power) हरकत में आ गया है. केंद्र की ओर से राज्यों को निर्देश दिए गए हैं. हालांकि ऐसे में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट के लिए आपूर्ति को सुनिश्चित करने की है. ऊर्जा मंत्रालय की ओर से राज्यों को गैर आवंटित बिजली का उपयोग करने के लिए कहा गया है. मंत्रालय की ओर से मंगलवार को कहा गया कि राज्य अगर अतिरिक्त बिजली का उपयोग नहीं कर रहे हैं तो वे उसे बाहर ऊंचे दाम पर नहीं बेचें.
बिजली के आवंटन के नियम के अनुसार, केंद्रीय उत्पादन स्टेशनों (सीजीएस) से 15% बिजली को गैर आवंटित बिजली के तहत रखा जाता है. इस बिजली का उपयोग केंद्र सरकार द्वारा उपभोक्ताओं की बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के साथ ही जरूरतमंद राज्यों को बिजली सप्लाई करने के लिए किया जाता है. जिन राज्यों ने अपने यहां बिजली संकट की बात कही थी उनमें दिल्ली, पंजाब और छत्तीसगढ़ शामिल हैं.
ऊर्जा मंत्रालय की ओर से बिजली संकट की बन रही स्थिति को देखते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा गया है कि वे अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए बिना आवंटित बिजली का उपयोग करें. वहीं राज्य गैर आवंटित बिजली का इस्तेमाल लोडशेडिंग लागू करने या इसे बहुत ज्यादा कीमत पर बेचने में ना करें. मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कुछ राज्य अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं और लोड शेडिंग लगा रहे हैं. इसी के साथ वे ऊंची कीमत पर बिजली बेच रहे हैं.