ईडी का कालेधन पर शिकंजा, 6 साल में वसूली 44302 करोड़ की संपत्ति

Black Money: ED पिछले कुछ समय से काले धन पर लगातार कार्रवाई कर रही है. इसी का नतीजा है कि जब्त की गई कुल रकम पिछले 6 वर्षों में सर्वाधिक है.

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IMAGE: PBNS, कई मामलों में कोर्ट के आदेश के तहत भी कार्रवाई की गई है.

IMAGE: PBNS, कई मामलों में कोर्ट के आदेश के तहत भी कार्रवाई की गई है.

Black Money: केन्द्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय पिछले कुछ समय से Black Money पर लगातार कार्रवाई कर रही है. इसी का नतीजा है कि जब्त की गई कुल रकम पिछले 6 वर्षों में सर्वाधिक है. कई मामलों में कोर्ट के आदेश के तहत भी कार्रवाई की गई है. प्रवर्तन निदेशालय (Directorate of Enforcement) के अनुसार, वर्ष 2005 से 2014 तक काले धन के मामले में कुल 2681 करोड़ रुपये की संपत्ति अधिग्रहण को कोर्ट द्वारा अनुमति मिली थी. वर्ष 2014 से नवंबर 2020 तक 44302 करोड़ रुपये की संपत्ति के अधिग्रहण को कोर्ट द्वारा अनुमति मिली. पिछले कुछ समय में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई कुछ बड़ी कार्यवाहियां निम्नानुसार है. 

विजय माल्या की संपत्ति की जब्त

16 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक को भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या की संपत्ति को जब्त कर, नीलाम करने पर 792.11 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.

विजल माल्या की यह संपत्ति एंटीमनी लॉन्ड्रिंग कानून के जब्त की गई थी. इतनी बड़ी रकम इससे पहले एक साथ कभी वसूल नहीं की गई थी.

नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर भी की कार्रवाई

माल्या मामले के अलावा, एक अन्य मामला पंजाब नेशनल बैंक एनएसई की ब्रैडी हाउस (मुंबई) शाखा में मेहुल चोकसी द्वारा 13,500 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से संबंधित है.

इस मामले में भी प्रवर्तन निदेशालय ने काफी तेजी और मुस्तैदी दिखाई है. एजेंसी ने इनके द्वारा की गई धोखाधड़ी की 40% रकम जब्त कर ली है. जिसमें से कुछ हिस्सा बैंक को भी लौटाया जा चुका है.

9 हजार करोड़ से अधिक लौटाए सरकारी बैंक को

ईडी ने भगोड़े आरोपी विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की अबतक 18,170.02 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है.

इसमें से 9,371 करोड़ रुपये की संपत्ति ईडी ने सरकारी बैंकों को ट्रांसफर कर दी, ताकि धोखाधड़ी के कारण हुए नुकसान की भरपाई की जा सके.

ईडी ने बताया, विजय माल्या और पीएनबी बैंक धोखाधड़ी मामलों में बैंकों की 40 फीसदी राशि पीएमएलए के तहत जब्त किए गए शेयरों की बिक्री के जरिए वसूली गई है.

ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के बारे में

प्रवर्तन निदेशालय को नई दिल्ली में वर्ष 1956 में स्थापित किया गया था. यह विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (फेमा) और धन आशोधन अधिनियम के तहत कुछ प्रावधानों को लागू करने के लिए उत्तरदायी है.

पीएमएल के तहत मामलों की जांच और मुकदमे से संबंधित कार्य प्रवर्तन निदेशालय को सौंपे जाते हैं. यह निदेशालय, परिचालन उद्देश्यों के लिए राजस्व विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन है.

फेमा के नीतिगत पहलू, इसके विधायन तथा संशोधन के आर्थिक कार्य विभाग के दायरे में हैं. हालांकि, पीएमएल अधिनियम से संबंधित नीतिगत मुद्दे, राजस्व विभाग की जिम्मेदारी है. फेमा के प्रभावी (1 जून 2000) लागू होने से पूर्व, निदेशालय ने विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 के तहत नियम लागू थे.

फ्लिपकार्ट को कारण बताओ नोटिस

गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फ्लिपकार्ट, उसके संस्थापकों और प्रमुख निवेशक टाइगर ग्लोबल को कारण बताओ नोटिस जारी किया और पूछा है कि क्यों ईकॉमर्स मार्केटप्लेस पर भारतीय कानूनों का उल्लंघन के लिए 1.35 बिलियन डॉलर का जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए.

खबरों के अनुसार, ईडी का नोटिस वॉलमार्ट सहित 10 पार्टियों को गया है, जिसमें आइएनसी-स्वामित्व वाली कंपनी के संस्थापक बिन्नी बंसल और सचिन बंसल भी है. नोटिस में कहा गया है कि प्रत्येक से अपेक्षा की जाती है कि वे अपना पक्ष एजेंसी के सामने रखें.

Published - August 6, 2021, 06:03 IST