वो बड़ी ऑटो कंपनियां जिन्होंने पिछले 5 वर्षों में भारत को कहा अलविदा

आयशर एंड पोलारिस ने मार्च 2018 में अपने ऑपरेशन बंद कर दिए थे. बाहर निकलने से पहले भारत में यह आयशर पोलारिस मल्टीक्स मॉडल की बिक्री करता था.

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अमेरिकी कंपनी हार्ले डेविडसन ने सितंबर 2020 में अपने ऑपरेशन भारत में बंद कर दिए थे.

अमेरिकी कंपनी हार्ले डेविडसन ने सितंबर 2020 में अपने ऑपरेशन भारत में बंद कर दिए थे.

भारतीय ऑटोमोटिव बाजार में अपार संभावनाएं दिखती है, क्योंकि भारत की गिनती दुनिया के पांचवें सबसे बड़ी ऑटो इंडस्ट्री में होती है. इन संभावनाओं को लेकर इंटरनेट पर बहुत सारे लेख भी देखने को मिलते हैं. हालांकि, हाल के दिनों में बढ़ती मुद्रास्फीति (inflation) और ओनरशिप की लागत के कारण मार्केट ग्रोथ सुस्त रही है. पिछले कुछ वर्षों में जहां देश में बड़े प्लेयर्स ने संघर्ष किया, तो वहीं नए प्लेयर्स जैसे किया, एमजी को अपार सफलता मिली. इस रुझान से कई बड़ी ऑटो कंपनियों को भारत में अपने ऑपरेशन बंद करने पड़े. आइए नजर डालते हैं उन शीर्ष ऑटो कंपनियों पर जिन्हें पिछले 5 वर्षों में भारत में ऑपरेशन बंद या कम करने पर मजबूर होने पड़ा. इनके नाम निश्चित रूप से आपको हैरान कर देंगे:

फोर्ड

फोर्ड ने सितंबर 2021 में भारत में ऑपरेशन में कटौती की घोषणा की है. भारत में यह फोर्ड फिगो, फोर्ड एस्पायर, फोर्ड फ्रीस्टाइल, फोर्ड इकोस्पोर्ट और फोर्ड एंडेवर जैसे कारें बनाती है. अमेरिका की लोकप्रिय कार निर्माता फोर्ड ने गुजरात और तमिलनाडु में स्थित अपनी दो विनिर्माण सुविधाओं (manufacturing facilities) से वाहनों का निर्माण बंद करने की घोषणा की है. इस फैसले का असर 4000 से अधिक कर्मचारियों पर पड़ेगा.

फोर्ड ने पिछले एक दशक में भारत में 2 अरब डॉलर का ऑपरेटिंग लॉस झेला है. इसके वाहनों की मांग भी कम हो गई है, जिससे कंपनी को यह निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. भारत में, ये कंपनी 25 वर्षों से कारों का निर्माण कर रही है, लेकिन बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण उसे बड़ी सफलता नहीं मिल पाई. कंपनी के अनुसार, फोर्ड भारत में आयात मार्ग के माध्यम से अपनी हाइब्रिड और सभी इलेक्ट्रिक कारें बेचा जारी रखेगा. फोर्ड अपने मौजूदा ग्राहकों को सपोर्ट देती रहेगी.

फिएट

फिएट ने जनवरी 2019 में उत्पादन बंद कर दिया था और पिछले साल मार्च में भारत में पूरी तरह से अपने ऑपरेशन बंद कर दिए. बाहर निकलने से पहले भारत में यह फिएट लिनिया, अर्बन क्रॉस, पुंटो ईवीओ और अवेंचुरा जैसी कारें बेचता था. इटालियन ऑटोमेकर भारत की सबसे पुरानी कार निर्माता कंपनियों में से एक थी. 90 के दशक के अंत में, इसे दुनिया के इस हिस्से में खरीदारों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली लेकिन जैसे-जैसे प्रतिस्पर्धा बढ़ी, फिएट ने प्लॉट खो दिया और बिक्री घटने लगी. फिएट ने 1997 में टाटा मोटर्स के साथ जॉइंट ऑपरेशन में भारत में प्रवेश किया था.

जनरल मोटर्स

जनरल मोटर्स ने दिसंबर 2017 में भारत में अपने ऑपरेशन बंद कर दिए थे. बाहर निकलने से पहले भारत में इस कंपनी की बिकने वाली कारें- शेवरले बीट, टवेरा, क्रूज़, ट्रेलब्लेज़र, एन्जॉय, सेल हैचबैक और सेल सेडान थी. जनरल मोटर्स ने 1996 में ओपल ब्रांड के साथ भारत में प्रवेश किया और कुछ सफलता हासिल की. इसने 2003 में शेवरले ब्रांड के साथ फिर से अपनी किस्मत आजमाई. अमेरिकी दिग्गज का 31 दिसंबर 2017 को ऑपरेशन बंद करने का निर्णय आश्चर्य की तरह था. इसके ओपल एस्ट्रा, ओपल कोर्सा, शेवरले ऑप्ट्रा, एसआरवी, टवेरा, क्रूज़ और बीट मॉडल को भारत में काफी पसंद किया गया था.

आयशर एंड पोलारिस

आयशर एंड पोलारिस ने मार्च 2018 में अपने ऑपरेशन बंद कर दिए थे. बाहर निकलने से पहले भारत में यह आयशर पोलारिस मल्टीक्स मॉडल की बिक्री करता था. जब आयशर और पोलारिस ने 2013 में एक जॉइंट वेंचर में प्रवेश किया, तो उम्मीद की जा रही थी कि यह एटीवी (ऑल-टेरेन व्हीकल) स्पेस में एक क्रांति पैदा करेगा. हालांकि बढ़ती मुद्रास्फीति और प्रति व्यक्ति आय में गिरावट ने इसके खरीदारों को सीमित कर दिया. गिरती बिक्री ने आयशर पोलारिस को मार्च 2018 में परिचालन बंद करने के लिए मजबूर कर दिया.

यूएम मोटर्स

यूएम मोटर्स ने अक्टूबर 2019 में भारत में अपने ऑपरेशन बंद कर दिए. बाहर निकलने से पहले भारत में यह रेनेगेड कमांडो, रेनेगेड स्पोर्ट एस और रेनेगेड क्लासिक मॉडल की बाइक बेचता था. यूनाइटेड मोटर्स ऑफ अमेरिका ने लोहिया ऑटो के सहयोग से भारत में अपना परिचालन शुरू किया था. खराब गुणवत्ता वाले पुर्जों के कारण, कंपनी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. वह भारत में रॉयल एनफील्ड जैसे ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहता था लेकिन सस्ते चीनी पार्टों के उपयोग की वजह से उसके सपने पूरे नहीं हो पाए और ग्राहकों के पैसे भी इस बाइक में बर्बाद हुए. इसे FADA (फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन) से कानूनी मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि इसने भारत में अपने डीलरों को बीच मझधार में छोड़कर अचानक परिचालन बंद कर दिया.

हार्ले डेविडसन

अमेरिकी कंपनी हार्ले डेविडसन ने सितंबर 2020 में अपने ऑपरेशन बंद कर दिए थे. बाहर निकलने से पहले यह भारत में हार्ले डेविडसन फोर्टी एट, स्ट्रीट रॉड, 1200 कस्टम, लो राइडर, फोर्टी एट स्पेशल और लो राइडर एस मॉडल की बिक्री करता था. बिक्री के निराशाजनक आंकड़ों की वजह से अमेरिकी दिग्गज को भारत को अलविदा कहने पर मजबूर होना पड़ा. 2011 में प्रसिद्ध क्रूजर बाइक निर्माता ने अपनी बाइक की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए हरियाणा के बावल में अमेरिका के बाहर अपना पहला संयंत्र स्थापित किया था. हालांकि, असेंबल की गई बाइक पर भारी करों ने इसे अपने प्रतिस्पर्धियों से महंगा बना दिया.

Published - September 11, 2021, 10:20 IST