वैश्विक बाजार में बासमती की कीमतों में गिरावट आ गई है. बीते कुछ महीने में बासमती का निर्यात भाव 1,050 डॉलर प्रति टन से गिरकर 950 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) के स्तर के करीब आ गया है. चावल उद्योग से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि कुछ प्रीमियम बासमती चावल का भाव भी 1,300 डॉलर से घटकर करीब 1,200 डॉलर प्रति टन हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ निर्यातकों को डर है कि अगर अक्टूबर-नवंबर में बासमती धान की खरीद कीमत को ध्यान में रखा जाए तो बासमती चावल का एक्सपोर्ट करना घाटे का सौदा हो सकता है.
हालांकि कुछ निर्यातकों का यह भी कहना है कि वैश्विक बाजार में बासमती चावल के दाम में आई गिरावट चिंता की बात नहीं है. दरअसल, इजरायल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध की वजह से ग्लोबल मार्केट में सप्लाई प्रभावित होने की चिंता के बीच निर्यातकों ने बासमती चावल के अधिकांश निर्यात सौदे ऊंचे भाव पर किए थे. एपीडा के ताजा आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में जनवरी के बासमती चावल का निर्यात 12.3 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 4.11 मिलियन टन दर्ज किया गया था, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 3.66 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था. वैल्यू के आधार पर बासमती का निर्यात 20.2 फीसद की बढ़कर 4.59 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया है, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 3.82 बिलियन डॉलर था. चावल उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि सऊदी अरब और इराक जैसे देशों से मांग बढ़ने की वजह से बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
बासमती चावल निर्यातकों का कहना है कि जनवरी तक बासमती का औसत निर्यात भाव करीब 1,120 डॉलर प्रति टन था, जबकि एक साल पहले भाव करीब 1,045 डॉलर था. नवंबर 2023 में पंजाब में पूसा बासमती 1509 धान की बिक्री क्वॉलिटी के आधार पर 3,200-3,600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर हुई थी, पूसा बासमती 1718 धान की बिक्री करीब 3,800 रुपये प्रति क्विंटल पर हुई थी. पूसा बासमती 1121 धान की बिक्री 4,300-4,500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर दर्ज की गई थी.
चावल के निर्यात पर पाबंदियां
बता दें कि सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के शिपमेंट पर 20 जुलाई 2023 से प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही सेला (Parboiled) चावल के निर्यात पर लगी 20 फीसद एक्सपोर्ट टैक्स की शर्त को 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया है, पहले यह शर्त 16 अक्टूबर 2023 तक लागू थी. इसके अलावा सरकार ने हाल ही में बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी MEP को घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर दिया है. बता दें कि सितंबर 2022 से सरकार ने चावल के निर्यात पर पाबंदियों की शुरुआत की थी और शुरुआत टूटे हुए चावल (ब्रोकेन राइस) के निर्यात पर रोक से हुई थी.