Ayushman Bharat: केंद्र सरकार ने 2018 में स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत की शुरुआत की जो देश के सभी लोगों के लिए है. इसमें 2008 में शुरू किए गए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और सीनियर सीटिजन हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम को समाहित कर लिया गया है. आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसका उद्देश्य 10.74 करोड़ से ज्यादा गरीब और कमजोर परिवारों को 5 लाख रुपये प्रति वर्ष का अस्पतालों में मुफ्त इलाज के लिए बीमा कवर देना है। इसके तहत भारत की आबादी में सबसे गरीब 45 फीसदी लाभार्थी शामिल हैं जिनकी संख्या करीब 55 करोड़ है.
इस योजना में दूसरी बीमारियों के साथ कोविड-19 को भी शामिल किया गया है. योजना में शामिल किसी भी अस्पताल में कोविड-19 का इलाज और जांच निःशुल्क होता है.
Money9 आपको योजना की खासियत, फायदे, क्या कवर किया गया है बता रहा है. आपको इसका लाभ मिल सकता है या नहीं इसकी जांच भी आप खुद कर सकते हैं.
कोई भी व्यक्ति, विशेष तौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोग केंद्र सरकार की इस योजना में शामिल हो सकते है. ग्रामीण इलाकों के लाभार्थियों को 7 मानदंडों (डी-1 से डी-5 और डी-7) के तहत उनके व्यवसाय के आधार पर बांटा गया है. ग्रामीण परिवारों में निम्नलिखित श्रेणियां शामिल हैं:
D1- कच्ची दीवारों और कच्ची छत के साथ केवल एक कमरे वाला परिवार
D2- परिवार में 16 से 59 वर्ष के बीच का कोई वयस्क सदस्य नहीं है
D3- जिन परिवारों में 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच कोई वयस्क पुरुष सदस्य नहीं है
D4- विकलांग सदस्य और परिवार में कोई सक्षम वयस्क सदस्य नहीं
D5- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वाले परिवार
D7- भूमिहीन परिवार जिनकी आय का एक बड़ा हिस्सा मैनुअल कैजुअल लेबर से आता है
दूसरी ओर शहरी क्षेत्र के 11 व्यावसायिक श्रेणी के श्रमिक योजना में शामिल हो सकते हें. इनमें भिखारी, घरेलू नौकर, रेहड़ी-पटरी लगाने वाले, मोची, फेरीवाले, कंस्ट्रक्शन वर्कर, प्लंबर, राजमिस्त्री, मजदूर, पेंटर, वेल्डर, सुरक्षा गार्ड, कुली, खलासी, ड्राइवर, कंडक्टर, हेल्पर, ठेला खींचने वाले, रिक्शा चलाने वाले, आदि आते हैं.
इस पैकेज में अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च शामिल हैं. बीमाकर्ता अस्पताल को खास सर्जिकल पैकेज का भुगतान एकमुश्त बंडल केयर के रूप में करता है.
उपचार पैकेज काफी व्यापक है जिसमें कैंसर, न्यूरोसर्जरी और कार्डियो-थोरेसिक और कार्डियोवास्कुलर सर्जरी समेत लगभग 24 स्पेशियेलिटी शामिल हैं.
लाभार्तियों को अस्पातल में भर्ती होने पर कोई शुल्क या प्रीमियम का भुगतान नहीं करना होता है. पैनल में शामिल हर अस्पताल में एक ‘आयुष्मान मित्र’ होगा जो मरीजों की सहायता करेगा और लाभार्थियों और अस्पताल के बीच समन्वय स्थापित करेगा.
सभी लाभार्थियों को क्यूआर कोड वाले पत्र दिए जाएंगे. इन्हें स्कैन किया जाएगा और पहचान के लिए डेमोग्राफिक ऑथेंटिकेशन किया जाएगा जिससे पता चले कि वो स्कीम का लाभ उठाने की पात्रता रखता है या नहीं.
अगर आयुष्मान भारत का कोई सब्सक्राइबर बीमार पड़ता है तो परिवार का कोई भी सदस्य बस ‘आयुष्मान मित्र’ हेल्प डेस्क पर जाकर ई-आईडेंटिटी कार्ड जमा कर सकता है। आगे का काम अस्पताल के अधिकारी करेंगे.
आयुष्मान भारत के लाभार्थी को ई-आइडेंटिटी कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड या राशन कार्ड के माध्यम से अपनी पात्रता सिद्ध करनी होगी. उन्हें ये दस्तावेज अस्पताल या नर्सिंग होम में जमा करने होंगे.
आयुष्मान भारत की पात्रता रखने वाले परिवार को एसडीओ या स्थानीय पंचायत या नगर निगम कार्यालय में जाकर अपना नामांकन कराना होता है. वहां व्यक्ति को सभी आवश्यक दस्तावेज और बायोमेट्रिक विवरण जमा करने होते हैं। एक मिनट में ई-कार्ड बन कर तैयार् हो जाता है.
14555 और 1800111565 हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके भी अपनी योग्यता और स्थिति की जांच की जा सकती है.