Asset Monetisation Plan: रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को कहा कि केंद्र की हाल ही में घोषित राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन-NMP) योजना की सफलता सड़क संपत्तियों पर गंभीर रूप से निर्भर करती है. एजेंसी ने यह भी कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का परिसंपत्ति पूल अगले पांच वित्तीय वर्षों में अपनी संभावित वित्त पोषण जरूरतों का 15 प्रतिशत उत्पन्न कर सकता है.
महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय संपत्ति मुद्रीकरण योजना के तहत, सरकार का लक्ष्य चार-लेन वाले और राष्ट्रीय राजमार्गों से ऊपर के 26,700 किलोमीटर हाईवे के मुद्रीकरण से 1.6 लाख करोड़ रुपये उत्पन्न करना है.
रेटिंग एजेंसी ने कहा, “सड़क संपत्तियों का मुद्रीकरण यहां महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह NMP का 27 प्रतिशत हिस्सा है.” क्रिसिल ने उल्लेख किया कि NHAI ने राजमार्ग निर्माण प्रक्रिया को तेज बनाया हैं और अपनी गति को वित्तीय 2017 में केवल 2,623 किमी से वित्तीय वर्ष 2021 में 4,175 किमी तक तेज कर दिया है.
“1.6 लाख करोड़ रुपये का सफल मुद्रीकरण महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वित्त वर्ष 2022 से 2026 तक NHAI की फंड आवश्यकताओं का 15 प्रतिशत संभावित रूप से पूरा कर सकता है, जबकि वित्त वर्ष 2017-2021 में 5 प्रतिशत से कम है.”
क्रिसिल ने कहा कि भारतमाला के तहत महत्वाकांक्षी लक्ष्यों और उच्च मूल्य वाले एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ-साथ उधार के उच्च पुनर्भुगतान के साथ, अगले पांच वर्षों में NHAI की निधि की आवश्यकता पिछले 5 वर्षों की तुलना में दोगुनी होकर 10 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 अगस्तध को 6 लाख करोड़ रुपये की नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) का ऐलान किया. इसका मकसद इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स को मोनेटाइज करना है, जिसमें एनर्जी से लेकर रोड और रेलवे सेक्टर शामिल हैं.
वित्त मंत्री का कहना था कि एसेट मॉनेटाइजेशन में भूमि को बेचना शामिल नहीं है और यह ब्राउनफील्ड एसेट्स को मोनेटाइज करने को लेकर है. सभी सेक्टर्स में प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई थी, जिसमें रोड, रेलवे और एनर्जी सेक्टसर सबसे अहम हैं.
NMP में वित्त वर्ष 2022 से 2025 के बीच चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की एसेट्स के जरिए 6 लाख करोड़ रुपये के कुल मोनेटाइजेशन का अनुमान लगाया गया है.