आम्रपाली के विभिन्न प्रोजेक्ट में घर खरीदने वाले (buyers) करीब 40,000 खरीदारों को अपने घर के लिए अभी लंबा इंतज़ार करना पड़ सकता है. परियोजनाओं पर काम करने वाले ठेकेदारों ने नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) से भुगतान मिलने में लगातार देरी के बाद काम बंद करने की धमकी दी है. इसके चलते नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुछ साइटों पर काम की गति धीमी हो गई है और कुछ ठेकेदारों ने अपनी टीमों को भंग भी कर दिया है, जिससे घर खरीदारों में चिंता पैदा हो गई है.
आम्रपाली लिए ठेकेदार के रूप में काम कर रही कंपनी वरिंदर कंस्ट्रक्शन के निदेशक विवेक गर्ग ने ईटी को बताया “हमारी कई बैठकें हुई हैं और ठेकेदारों ने एनबीसीसी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक (CMD) से भी मुलाकात की है, लेकिन फरवरी 2021 से कोई भी भुगतान नहीं किया गया है. हर महीने बकाया राशि बढ़ती ही जा रही है. यदि जल्द ही भुगतान जारी नहीं किया जाता है, तो हम काम बंद कर देंगे .”
गर्ग की कंपनी कुल 8,000 घरों वाली आम्रपाली की तीन परियोजनाओं गोल्फ होम्स, लीजर पार्क और किंग्सवुड के लिए निर्माण कार्य कर रही है, जिनकी लागत करीब 1,555 करोड़ रुपये है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में पांच अलग-अलग ठेकेदारों ने भुगतान न मिलने पर काम बंद करने के संबंध में एनबीसीसी को पत्र लिखे हैं.
सरकारी संस्था एनबीसीसी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फंड की कमी और रियल एस्टेट फर्म में वित्तीय कुप्रबंधन के चलते फंसे 23 आम्रपाली हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का काम पूरा कराने का जिम्मा सौंपा गया है. इसने कोर्ट के आदेश पर परियोजनाओं की देखरेख का काम संभाल रखा है. विशेषज्ञों के अनुसार इन परियोजनाओं को पूरा करने में लगभग 8,500 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. अदालत ने परियोजनाओं को पूरा करने के लिए धन जुटाने के लिए आम्रपाली की कुछ जमीनों और संपत्तियों को बेचने के लिए एक रिसीवर भी नियुक्त किया था.