Advance Tax Payment by Corporates: आयकर कानून के तहत, कंपनियों और व्यक्तियों को वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही तक अपनी कर देयता का 45% भुगतान करना आवश्यक है. इस नियम का पालन करते हुए वित्त वर्ष 2021-2022 की दूसरी तिमाही के दौरान, पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले, टॉप-20 कंपनियों से अग्रिम कर संग्रह (Advance tax collections) सालाना आधार पर 47% से अधिक बढ़कर 27,210 करोड़ रुपये हो गया है, जो आर्थिक विकास में मजबूत वृद्धि का संकेत है. टाटा स्टील, ONGC और बैंक द्वारा किए गए भारी भुगतान के कारण कलेक्शन में भारी उछाल आया है.
यहां उल्लेख करने योग्य बात यह है कि यह व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बीच उनकी कमाई के बारे में आशावाद बढ़ रहा है क्योंकि निजी निवेश और उपभोक्ता खर्च वी-आकार की रिकवरी की ओर आगे बढ़ रहे हैं.
यह भी महत्वपूर्ण है कि, जुलाई-सितंबर तिमाही में कुल अग्रिम कर संग्रह 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि की तुलना में 51 प्रतिशत अधिक है.
टाटा स्टील ने 4,000 करोड़ रुपये का अग्रिम कर चुकाया है, जो पिछले साल की दूसरी तिमाही की तुलना में 3,900 फीसदी अधिक है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की बढ़ती कीमतों के बीच ONGC का अग्रिम कर इस बार 662 प्रतिशत बढ़ गया हैं. सरकारी कंपनी ONGC ने 2,250 करोड़ रुपये का अग्रिम कर चुकाया है, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह महज 295 करोड़ रुपये था.
अब तक रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), टाटा मोटर्स, HDFC और ITC जैसी कई हैवीवेट कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की दोनों तिमाहियों में अग्रिम कर का भुगतान नहीं किया है. इन फर्मों ने एक प्रावधान का लाभ उठाया है, जिससे उन्हें अपने घाटे को आगे बढ़ाने की अनुमति मिली हैं. आयकर अधिनियम के अनुसार, कंपनियां छह साल तक ऐसा कर सकती हैं.
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और भारतीय जीवन निगम (LIC) सहित शीर्ष सरकारी वित्तीय संस्थानों ने अपने अग्रिम कर भुगतान में दो अंकों की वृद्धि दर्ज की हैं. उन्होंने क्रमशः 3,834 करोड़ रुपये (28.8 प्रतिशत ऊपर) और 3,171 करोड़ रुपये (12.8 प्रतिशत ऊपर) का भुगतान किया है.
अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, जैसे पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और केनरा बैंक ने भी एक साल पहले की समान तिमाही में अपेक्षाकृत अधिक राशि का भुगतान किया हैं. दोनों ने क्रमशः 313 करोड़ रुपये (123 फीसदी ऊपर) और 850 करोड़ रुपये (41 फीसदी ऊपर) कर चुकौती कि हैं.
अग्रिम कर की पहली किस्त के भुगतान में वृद्धि कम आधार के कारण हुई थी, लेकिन दूसरी किस्त में वृद्धि यह दर्शाती है कि, कोविड -19 की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण कंपनियों की वृद्धि और आय पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा है. हालांकि, एविएशन और टेलिकोम क्षेत्र पर जबरदस्त दबाव रहा है, और इन क्षेत्रों की कंपनियों ने पिछली कुछ तिमाहियों में कोई अग्रिम कर नहीं दिया है.
ऑटोमोटिव कंपनियों और फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) की बड़ी कंपनियों को भी लॉकडाउन में ढील और आस्थगित मांग से फायदा हुआ है.
मिसाल के तौर पर हीरो मोटोकॉर्प ने 41.20 फीसदी ज्यादा एडवांस टैक्स चुकाया, मारुति सुजुकी ने 13 फीसदी ज्यादा एडवांस टैक्स जमा किया है, हीरो मोटोकॉर्प ने पिछले साल इस अवधि के दौरान 177 करोड़ रुपये का अग्रिम टैक्स चुकाया, , जबकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसने 250 करोड़ रुपये दिए हैं. मारुति ने 340 करोड़ रुपये का एडवांस टैक्स चुकाया हैं.
FMCG कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, प्रॉक्टर एंड गैंबल और नेस्ले ने पहले से ज्यादा तरक्की की है. हिंदुस्तान यूनिलीवर ने 822 करोड़ रुपये (9.6 प्रतिशत ऊपर), प्रॉक्टर एंड गैंबल ने 62 करोड़ रुपये (67.5 प्रतिशत अधिक) का भुगतान किया और नेस्ले ने 180 करोड़ रुपये (2.9 प्रतिशत ऊपर) अग्रिम कर का भुगतान किया.
इसके अलावा, डिजिटाइजेशन के कारण टेकनोलोजी दिग्गजों ने मजबूत प्रदर्शन किया हैं. TCS ने 31 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2,330 करोड़ रुपये का भुगतान किया, और टेक महिंद्रा का टैक्स 22 प्रतिशत बढ़कर 430 करोड़ रुपये हो गया.