सर्विस डिलीवरी को बेहतर बनाने के लिए फाइनेंशियल सेक्टर में इनोवेशन की जरूरत पर जोर देते हुए रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि रेगुलेशंस का काम फिनटेक सेक्टर में इनोवेशन की राह में मुश्किलें खड़ी करने की बजाय इसमें मदद देना होना चाहिए. टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकनॉमिक कॉनक्लेव में RBI गवर्नर ने कहा कि प्रभावी रेगुलेशन रिजर्व बैंक की प्राथमिकता में है और रेगुलेशन ऐसे नहीं होने चाहिए जो कि फिनटेक स्पेस की राह में अड़चनें पैदा करें.
गवर्नर ने ये भी कहा कि मजबूत कैपिटल बेस और एथिक्स आधारित गवर्नेंस के साथ ही बैंकिंग सेक्टर की हेल्थ आरबीआई (RBI) की नीतिगत प्राथमिकताओं में शामिल हैं. लोगों को तेज रफ्तार से और बेहतर तरीके से सेवाएं देने में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की बड़ी भूमिका का जिक्र करते हुए दास ने कहा कि आरबीआई (RBI) ने लोगों को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर मुहैया कराने के लिए 274 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शंस प्रोसेस किए हैं. इनमें से ज्यादातर महामारी के दौरान किए गए हैं.
गवर्नर ने कहा, “चूंकि RTGS और NEFT अब 24 घंटे जारी रहते हैं, और ये सेवा कई करेंसी के लिए मौजूद है, ऐसे में इसे अपने देश से बाहर भी ले जाया जा सकता है.” निजी क्रिप्टो करेंसी पर अपने आधिकारिक विरोध के बावजूद दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक वित्तीय स्थिरता की चिंताओं का आकलन कर रहा है क्योंकि आने वाले वक्त में केंद्रीय बैंक के लिए इसकी आवश्यकता पड़ेगी.
आरबीआई (RBI) चीफ ने ये भी कहा कि केंद्रीय बैंक आर्थिक रिकवरी के लिए सभी तरह के पॉलिसी टूल्स का इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही वह कीमतों में स्थिरता और वित्तीय स्थिरता पर भी जोर दे रहा है.
कोविड-19 के संक्रमण के नए मामलों में आए उछाल पर उन्होंने चिंता जताई, हालांकि उन्होंने कहा कि देश अब इससे लड़ने के लिए पहले के मुकाबले ज्यादा अच्छी तरह से तैयार है.