UPI: महामारी के दौरान अधिक से अधिक लोग नकद लेनदेन से बचे और डिजिटल भुगतान का सहारा लिया. इसके बावजूद पिछले महीनों की तुलना में अप्रैल और मई में देश में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) लेनदेन में गिरावट आई है.
यह उस समय हुआ जब कोरोना की दूसरी लहर अपने चरम पर थी. जिससे उपभोक्ताओं के सेंटिमेंटस प्रभावित हुए और खर्च सीमित हो गए. वित्त वर्ष 20-21 की चौथी तिमाही की तुलना में अप्रैल-मई में गिरावट आई है.
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में यूपीआई लेनदेन में गिरावट आई है.
मार्च की तुलना में अप्रैल में लेन-देन की संख्या 273.16 करोड़ से घटकर 264.10 करोड़ हो गई. यह गिरावट 3.31% थी.
मूल्य के लिहाज से मार्च और अप्रैल के बीच गिरावट 2.22% थी. एनसीपीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि मई में यूपीआई के माध्यम से किए गए लेनदेन की कुल संख्या 253.96 करोड़ थी.
इन लेनदेन का वॉल्यूम 4,90,638.65 करोड़ रुपये था. दूसरी ओर अप्रैल में लेन-देन की संख्या 264.10 करोड़ रही, जिसमें वॉल्यूम 493,663.67 करोड़ रुपये था. अप्रैल से मार्च तक लेनदेन में गिरावट 3.83% थी. अप्रैल की तुलना में मई में वॉल्यूम में गिरावट 0.61% थी.
महामारी के दौरान फरवरी 2021 में UPI लेनदेन में वृद्धि हुई. अप्रैल 2020 के बाद पहली बार छोटी गिरावट दर्ज की गई. फरवरी में जनवरी में 230.27 करोड़ के मुकाबले 229.29 करोड़ लेनदेन दर्ज किए गए.
UPI के माध्यम से लेनदेन का मूल्य भी जनवरी में 4,31,181.89 करोड़ रुपये से घटकर फरवरी में 425,062.76 रुपये हो गया. 1.42% की गिरावट आई.
हालांकि, थोड़ी गिरावट के बाद, यूपीआई लेनदेन ने फरवरी की तुलना में मार्च में महीने-दर-महीने 19% की भारी वृद्धि दर्ज की. मार्च में लेनदेन की मात्रा और मूल्य क्रमशः 2,73.17 करोड़ और 5,04,886.44 करोड़ रुपये रहा.
फोनपे, पेटीएम, भीम ऐप, मोबिक्विक, गूगल तेज, चिल्लर, पेटीएम पेमेंट्स बैंक, एसबीआई पे, आईमोबाइल और बीओबी यूपीआई सहित यूपीआई सुविधा प्रदान करने वाले लगभग एक दर्जन ऐप हैं.
PhonePe का बाजार में सबसे बड़ा हिस्सा था. मई में इसने कुल 253.95 करोड़ में से 114.98 करोड़ लेनदेन दर्ज किए, जिसने इसे 45.27% की बाजार हिस्सेदारी दी. मूल्य के लिहाज से, PhonePe की बाजार में 47.71% हिस्सेदारी है. 490,638.65 करोड़ रुपये के कुल बाजार में से 234,123.57 करोड़ रुपये है.