अब डिजिटल पेमेंट होगा और सुरक्षित, RBI ने जारी किए निर्देश

Digital Payment: शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक, समॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक और क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली NBFCs पर निर्देश लागू

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और कार्ड जारी करने वाली कंपनियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं जिसके तहत डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) में सुरक्षा के मद्देनजर न्यनतम स्टैंडर्ड तय किया गया है.

ये मास्टर डायरेक्शन इंटनेट बैंकिंग, मोबाइल पेमेंट, कार्ड पेमेंट, कस्टमर प्रोटेक्शन और शिकायत हल करने के लिए गाइडलाइन तय करता है.

RBI के मुताबिक साइबर अटैक के बढ़ते खतरे और उसके असर की रोकथाम के लिए सभी नियमित कंपनियों को पेमेंट (Digital Payment) और एलेक्ट्रॉनिक मोड से फंड ट्रांसफर या ATM से कैश निकालने के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का पालन करना होगा.

ये नियम सभी रेगुलेटेड कंपनियों पर लागू होंगी – जैसे कि शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक, समॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक और क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां शामिल हैं.

इस कदम से डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) की प्रक्रिया ग्राहकों के लिए ज्यादा सुरक्षित हो सकेगी. निर्देश के मुताबिक मजबूत गवर्नेंस, इंटरनेट, कार्ड पेमेंट और मोबाइल बैंकिंग में तय स्टैंडर्ड्स का पालन होगा.

सही प्रोटोकॉल से बार-बार आने वाली रुकावट नहीं झेलनी होगी जिससे डिजिटल लेन-देन के लिए सुरक्षित माहौल होगा.

दिसंबर में रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंक HDFC बैंक पर नए क्रेडिट कार्ड जारी करने और डिजिटल बैंकिंग में नए कदम उठाने पर प्रतिबंध लगाया था. RBI ने इस कदम से सर्विस में आने वाली दिक्कतों पर गंभीरता दिखाई थी. देश के सबसे बड़े बैंक SBI के डिजिटल बैंकिंग ऐप पर भी लोगों को कई बार दिक्कतों का सामना पड़ा था.

मास्टर डायरेक्शन के तहत जरूरी गाइडलाइंस

RBI ने कहा है रेगुलेटेड कंपनियों को सुरक्षित तरीके से इन गाइडलाइंस का पालन करना होगा और ग्राहकों के लिए डिजिटल पेमेंट ऐप (Digital Payment App) के जरिए ही सही ट्रेनिंग देनी होगी.

ग्राहकों को उनकी पसंद की भाषा में सुरक्षा के लिए तय गाइडलाइंस को पढ़ना अनिवार्य होगा. ऐप के हर अपडेट या बदलाव पर ऐसा करना जरूरी होगा.

रेगुलेटेड कंपनियों को ग्राहकों की डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) से जुड़ी शिकायतों को ऑनलाइन ही हल के लिए सिस्टम तैयार करना होगा. फाइनेंशियल कंपनियों को ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट प्रोडक्ट से जुड़े जोखिम और खतरों से अवगत कराना होगा और साथ ही इनसे सुरक्षा के कदम भी बताने होंगे.

फिशिंग, विशिंग, रिवर्स-फिशिंग, जैसे खतरों और खाते की जानकारी, PIN, कार्ड डिटेल, डिवाइस से जुड़े सुरक्षा के मसलों की जानकारी देनी होगी.

मोबाइल ऐप्स के मामलों में पुराने ऐप्स को नया वर्जन आने पर 6 महीने के भीतर धीरे-धीरे खत्म करना होगा.

Published - February 20, 2021, 05:46 IST