जानिए नो कॉस्ट EMI का मतलब, कस्टमर्स के लिए कितनी है फायदेमंद

No Cost EMI: नो-कॉस्ट EMI में आपको केवल चीज का दाम ही EMI में चुकाना होता है और कोई ब्याज नहीं देना होता है.

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PIXABAY: डेबिट कार्ड होल्‍डर्स भी महंगे सामानों को EMI पर ले सकेंगे. कई बैंक ग्राहकों को यह सुविधा दे रहे हैं.

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No Cost EMI: क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर आपको कई तरह की सुविधाएं प्राप्त होती हैं. उनमें से एक है नो कॉस्ट ईएमआई (No Cost EMI).

इसमें आपको न तो ब्याज लगता है और कुछ केस में प्रोसेसिंग फीस भी नहीं चुकानी होती है. आइए जानते हैं कि नो-कॉस्ट ईएमआई सामान्‍य ईएमआई से कैसे अलग है.

नो कॉस्‍ट ईएमआई का मतलब समझें

जब आप ईएमआई यानी किस्तों पर कोई प्रोडक्ट या सर्विस लेते हैं, तो आपको एक तय अवधि तक समान अमाउंट एक तय वक्त पर देना होता है. साथ ही ब्याज भी लगता है. यह ब्याज EMI सुविधा लेने के एवज में देना होता है.

यानी अगर आपने 9000 रुपये की चीज खरीदी है और इसे इसका पेमेंट EMI पर 3 महीने तक करना है, तो आपको 3000 रुपये की किस्त और ब्याज देना होगा.

नो-कॉस्ट EMI में आपको केवल चीज का दाम ही EMI में चुकाना होता है और कोई ब्याज नहीं देना होता है. यानी अगर 9000 की चीज 3 माह तक दी जाने वाली EMI पर खरीदी है तो हर माह केवल 3000 रुपये का भुगतान करना होगा.

2013 में भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया था. इसमें उसने कहा था कि जीरो फीसदी ब्याज की अवधारणा का कोर्इ वजूद नहीं है. फिर बैंकों ने इसका दूसरा विकल्प No Cost EMI निकाला.

कैसे करती है काम?

नो कॉस्‍ट ईएमआई को तीन भागों में बांटा गया है- रिटेलर, बैंक और कंज्यूमर. आपने अक्सर देखा होगा कुछ बैंक क्रेडिट कार्ड पर नो कॉस्‍ट ईएमआई का ऑप्शन देते हैं.

हालांकि, इस डील को पाने के लिए आपके पास उस बैंक का क्रेडिट कार्ड होना चाहिए. नो कॉस्‍ट ईएमआई की स्थिति में रिटेलर्स कंज्यूमर को ब्याज जितनी राशि का डिस्काउंट दे देता है.

दरअसल, नो कॉस्‍ट ईएमआई मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का एक हिस्सा है. साधारण EMI में दिए जाने वाले ब्याज की तरह कंपनियां इसमें भी ब्याज काउंट कर लेती हैं.

इसके दो तरीके होते हैं. पहला तरीका यह कि कंपनियां नो कॉस्‍ट ईएमआई का ऑप्शन देती हैं, तो प्रोडक्ट के एकमुश्त पेमेंट पर डिस्काउंट देती हैं, वहीं, नो कॉस्‍ट ईएमआई पर आपको प्रोडक्ट पूरी कीमत पर खरीदना होता है.

क्या नो कॉस्‍ट ईएमआई लेना चाहिए?

नो कॉस्‍ट ईएमआई पर कोई भी चीज खरीदने से पहले टर्म्स एंड कंडिशन्स अवश्य देख लेनी चाहिए.

कई बार किसी प्रोडक्ट को 12 महिने की नो कॉस्‍ट ईएमआई है, तो उसमें पहले 6 महिने इंटरेस्ट नहीं लगता है जबकि बाकी के 6 महिने में करीब 24% व्याज लगता है.

अगर आपके पास कैश है तो आप किसी प्रोडक्ट पर अच्छा-खासा डिस्काउंट पा सकते हो, लेकिन अगर आपके पास कैश नहीं है और बिना इंटरेस्ट की ईएमआई मिल रही है, तो ये एक अच्छा विकल्प है.

इसके अलावा कई बार पुराने प्रोडक्ट पर इस तरह की स्कीम देखने को मिलती है.

Published - June 15, 2021, 02:07 IST