Credit Card Limit: क्रेडिट कार्ड एक ऐसा टूल होता है, जो वक्त पड़ने पर बहुत काम आता है. अक्सर क्रेडिट कार्ड (Credit Card Limit) पर दी गई लिमिट हमारे खर्चों को देखते हुए कम पड़ जाती है.
ऐसे में जरूरत होती है इसे बढ़वाने की. लेकिन यह आसान काम नहीं होता है. यहां हम आपको यही तरीके बताने जा रहे हैं कि कैसे लिमिट बढ़वाई जा सकती है.
लोन हो या क्रेडिट कार्ड लिमिट, सबमें अच्छा क्रेडिट स्कोर बहुत मायने रखता है. बता दें कि 750 से अधिक का क्रेडिट स्कोर काफी अच्छा माना जाता है.
इसलिए सही समय पर बिलों का भुगतान, किश्त आदि चुकाते रहें. बैंक तभी लिमिट बढ़ाता है जब उसे लगता है कि आपका रिकॉर्ड अच्छा रहा है. इसके लिए आपका री पेमेंट रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए.
साथ ही क्रेडिट स्कोर अच्छा होने से लिमिट बढ़नी आसान हो जाती है. आवेदन करने से पहले पूरी योजना तैयार कर लेनी चाहिए.
कभी-कभी बैंक खुद भी क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के लिए कॉन्टैक्ट करते हैं. ऐसा नहीं है तो आप क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़वाने के लिए अपने बैंक में रिक्वेस्ट डाल सकते हैं. इसके लिए आपको बैंक को बताना होगा कि आप लिमिट क्यों बढ़वाना चाहते हैं.
रिक्वेस्ट आप या तो बैंक के ब्रांच पर जाकर डाल सकते हैं या नेटबैंकिंग के जरिए डाल सकते हैं. हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है आपकी लिमिट बढ़ाई जाए.
इसके लिए आपकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी होनी चाहिए. क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़वाने के लिए सही समय का इंतजार करना चाहिए. यह बहुत मायने रखता है.
अगर पुराने क्रेडिट कार्ड में लिमिट नहीं बढ़ पा रही है, तो नया क्रेडिट कार्ड अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए या तो आप नई कंपनी का चुनाव कर सकते हैं और आवेदन करते वक्त अपनी क्रेडिट लिमिट की रिक्वेस्ट डाल सकते हैं.
अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा रहा है तो नए कार्ड पर मनचाही लिमिट मिलने की संभावना ज्यादा होती है.
जब भी आपकी सैलरी में इजाफा हो, तभी आपको क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर देना चाहिए. इससे आपको लिमिट भी बढ़कर मिलेगी.
अप्लाई करते वक्त बैंक को अपनी जरूरतों के बारे में न बताकर यह बताना चाहिए कि आप क्यों क्रेडिट लिमिट बढ़वाने के हकदार हैं.
हाई क्रेडिट लिमिट वाले कार्ड के कई फायदे है, जितनी हाई लिमिट होगी, आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो उतना ही कम होगा यानी आपकी लिमिट कितनी है और उसके हिसाब से आप कितना खर्च कर रहे हैं, इसका अनुपात कम होना चाहिए.
यह रेशियो जितना कम होगा आपका सिबिल स्कोर उतना ही हाई होगा. आपका क्रेडिट लिमिट जितना ज्यादा होगा, बैंक आपको लोन देने में उतनी ही कम आनाकानी करेंगे.
बैंक हाई क्रेडिट लिमिट वाले कस्टमर्स को वरीयता देते हैं, जिससे उन्हें लोन मिलने में आसानी होती है. हाई क्रेडिट लिमिट होने पर आपको अचानक सामने आई किसी इमरजेंसी को लेकर भरोसा रहता है.