Fixed Income इनवेस्टमेंट क्या आपके लिए सही है?

कई निवेशक इक्विटी, रियल्टी, गोल्ड और MF को अच्छा निवेश मानते हैं, लेकिन Fixed Income इन्स्ट्रूमेंट्स में निवेश करना भी एक बढ़िया विकल्प है.

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कुछ ऐसे स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) हैं, जो गिरती ब्याज दरों के इस दौर में भी 7.25 प्रतिशत तक ब्याज दर की पेशकश कर रहे हैं.

कुछ ऐसे स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) हैं, जो गिरती ब्याज दरों के इस दौर में भी 7.25 प्रतिशत तक ब्याज दर की पेशकश कर रहे हैं.

किसी भी निवेशक के लिए रिटर्न के साथ-साथ पोर्टफोलियो की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. बाजार में कई तरह के इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट मिलते हैं, जिनका इस्तेमाल करके आप शानदार पोर्टफोलियो बना सकते हैं और सुरक्षा के साथ बेहतर रिटर्न भी कमा सकते हैं. ऐसे पोर्टफोलियो में Fixed Income इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट का होना भी उतना ही जरूरी है क्योंकि ये प्रोडक्ट आपके पोर्टफोलियो के लिए सुरक्षा कवच का काम करते हैं.

एक्सपर्ट कहते हैं कि ज्यादातर निवेशक इक्विटी, रियल एस्टेट, गोल्ड और म्यूचुअल फंड्स को ही अच्छा निवेश मानते हैं, लेकिन Fixed Income इन्स्ट्रूमेंट्स में निवेश करना भी एक बेहतरीन विकल्प है. इससे आपकी पूंजी को डाइवर्सिफाई करने में मदद मिलती है और साथ ही पोर्टफोलियो को भी स्थिरता मिलती है.

Fixed Income साधन

Fixed Income साधनों में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), बैंक डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट, कंपनी डिपॉजिट्स, बॉन्ड (टैक्स-फ्री बॉन्ड और जीरो-कूपन बॉन्ड), डिबेंचर्स जैसे विकल्प शामिल है. म्यूचुअल फंड में शॉर्ट-टर्म, अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म और हाइब्रिड फंड जैसे विकल्प हैं.

Fixed Income इनवेस्टमेंट का मतलब क्या है?

नाम से ही पता चलता है कि इसमें इनकम तय रहती है. कुछ प्रोडक्ट में तयशुदा ब्याज मिलता है. मार्केट में चाहे जितना उतार-चढ़ाव आए, इनके रेट में कोई फर्क नहीं पड़ता. आपको पहले से ही पता चल सकता है कि मैच्योरिटी के वक्त आपके हाथ में कितना पैसा आएगा.

Fixed Income इनवेस्टमेंट से जुड़े रिस्क

इंटरेस्ट रेट रिस्क

सभी तरह के Fixed Income साधनों में Fixed रिटर्न नहीं मिलता है. सरकारी या निजी बॉन्ड में आपको Fixed कूपन रेट के हिसाब से Fixed रिटर्न मिलता है, वहीं डेट म्यूचुअल फंड और स्ट्रक्चर्ड प्रोडक्ट्स में ये संभव नहीं है. इसलिए बॉन्ड के मुकाबले ऐसे प्रोडक्ट्स रिटर्न के मामले में ज्यादा रिस्की हैं, लेकिन जब इंटरेस्ट रेट नीचे जा रहे हों तब इसमें ज्यादा रिटर्न भी कमाने को मिलता है.

बॉन्ड प्राइस और इंटरेस्ट के बीच उलटा नाता है, यानी जब इंटरेस्ट रेट बढ़ते हैं तब बॉन्ड के भाव गिरते हैं. इसका मतलब है कि इंटरेस्ट बढ़ने पर आपके पोर्टफोलियो के Fixed Income इनवेस्टमेंट की वैल्यू कम होने का रिस्क है.

इनफ्लेशन रिस्क

मुद्रास्फीति जोखिम का तात्पर्य कीमतों में सामान्य वृद्धि और किसी व्यक्ति के परचेजिंग पावर पर उसके प्रभाव से है. Fixed Income इनवेस्टमेंट का एक फायदा Fixed रिटर्न का है, वहीं अगर Fixed ब्याज दर महंगाई के दर से कम हो तो आपकी परचेजिंग पावर कम होगा.

क्रेडिट रिस्क

ज्यादातर Fixed Income इनवेस्टमेंट में आमतौर पर कम रिटर्न मिलता है, इसलिए ज्यादा रिटर्न कमाने के लिए निवेशक ज्यादा जोखिम वाले और कम रेटिंग वाले कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश करते हैं. जब ऐसे इश्यूअर डिफॉल्ट करते हैं तो निवेश की गई राशि वापस मिलने के आसार बहुत कम होते हैं और आपकी क्रेडिट पर रिस्क बढ़ जाता है.

लिक्विडिटी रिस्क

निवेशक जब अपने Fixed Income इनवेस्टमेंट को अच्छे भाव में बेच नहीं पाते तब लिक्विडिटी रिस्क सामने आता है. इससे बचने के लिए आपको केवल एक Fixed Income प्रोडक्ट में निवेश करने की जगह मल्टीपल ऑप्शन में निवेश करना चाहिए.

Published - June 27, 2021, 03:17 IST