पश्चिम बंगाल में स्मॉल सेविंग्स स्कीमों (small savings schemes) में जमा होने वाली रकम गुजरे वर्षों के मुकाबले ज्यादा रहने के आसार हैं. ऐसा तब हो रहा है जबकि मौजूदा फिस्कल कोविड-19 से प्रभावित रहा है. अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के दौरान पश्चिम बंगाल में इन स्कीमों में (small savings schemes) ग्रॉस कलेक्शन 97,927 करोड़ रुपये रहा है, जबकि नेट कलेक्शन 17,506 करोड़ रुपये रहा. सालाना आधार पर ग्रॉस कलेक्शन का 1,17,112 करोड़ रुपये पर पहुंचना तय है, जो कि 2019-20 के कलेक्शन के मुकाबले 13 फीसदी ज्यादा है. नेट कलेक्शन की बात की जाए तो यह 17,506 करोड़ रुपये के आंकड़े पर ही पिछले साल के मुकाबले 7.5 फीसदी ज्यादा बैठता है.
इन स्कीमों (small savings schemes) से विद्ड्रॉल ग्रॉस कलेक्शन के आंकड़े से घटा दिया जाता है और इस तरह से नेट कलेक्शन का आंकड़ा मिलता है. स्मॉल सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स (small savings schemes) ऐसे साधन होते हैं जो कि पोस्ट ऑफिसों में ही मिलते हैं. इनमें नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (NSC), किसान विकास पत्र (KVP), सुकन्या समृद्धि स्कीम, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, मंथली इनकम स्कीम, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट, पोस्ट ऑफिस में रिकरिंग डिपॉजिट्स और 1-5 साल की अवधि वाले टर्म डिपॉजिट आते हैं.
स्मॉल सेविंग्स (small savings schemes) कलेक्शन के मामले में 2018-2019 और 2019-20 में पश्चिम बंगाल सभी राज्यों में सबसे ऊपर रहा है. पश्चिम बंगाल स्मॉल सेविंग्स एजेंट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी निर्मल दास कहते हैं, “स्मॉल सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स में डिपॉजिट्स आम लोगों को काफी आकर्षित करते हैं. इनमें तय रिटर्न मिलता है और इसमें लोगों की गाढ़ी मेहनत की कमाई भी सुरक्षित रहती है. इसके अलावा, बैंक जमा के मुकाबले इनमें ज्यादा ब्याज भी मिलता है.”
स्मॉल सेविंग्स स्कीमों (small savings schemes) में मिलने वाला ब्याज इस तरह से हैः नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में 6.8 फीसदी ब्याज मिलता है, किसान विकास पत्र में 6.9 फीसदी, सुकन्या समृद्धि स्कीम में 7.6 फीसदी, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में 7.4 फीसदी, मंथली इनकम स्कीम में 6.6 फीसदी, पब्लिक प्रोविडेंट फंड में 7.1 फीसदी, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट में 4 फीसदी, आरडी में 5.8 फीसदी और टर्म डिपॉजिट में 1-3 साल के लिए 5.5 फीसदी और 5 साल के लिए 6.7 फीसदी ब्याज मिलता है.
2017-18 में बंगाल में ग्रॉस कलेक्शन 76,950 करोड़ रुपये रहा जो कि पूरे देश के आंकड़ों का 15.77 फीसदी बैठता है. नेट कलेक्शन 11,219 करोड़ रुपये था जो कि देशभर के नेट कलेक्शन का 12.19 फीसदी बैठता है.