RBI Floating Rate Savings Bonds: कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों का असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है. इसे देखते हुए निवेशक भी सुरक्षित रिटर्न वाली स्कीम की तलाश कर रहे हैं. अगर आप भी सुरक्षित रिटर्न वाली किसी स्कीम में निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी फलोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड (RBI Floating Rate Savings Bonds) बेहतर विकल्प हो सकता है. इस पर एफडी सहित आरडी और किसान विकास पत्र जैसी स्कीम्स की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिल रहा है. वहीं, इस पर सरकार की सॉवरेन गारंटी भी है.
RBI की ओर से जारी इस फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड पर अभी 7.15 फीसदी ब्याज मिल रहा है. हालांकि, इन पर हर 6 महीने में ब्याज दर बदलती रहेगी. हर 6 महीने में – 1 जनवरी और 1 जुलाई को – ब्याज की दर बदलती रहेगी. एकमुश्त ब्याज के भुगतान का विकल्प नहीं है. बॉन्ड पर जिस दिन ब्याज देय होगा, उस दिन वह निवेशक के बैंक खाते में क्रेडिट कर दिया जाएगा.
यह बॉन्ड ट्रांसफरेबल नहीं होता है. सिर्फ निवेशक की मौत के बाद ही नॉमिनी के नाम पर ही यह ट्रांसफर हो सकता है.
इसमें भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है. वहीं, माइनर के नाम पर भी यह बॉन्ड खरीदा जा सकता है.
ये बॉन्ड किसी भी सरकारी बैंक से खरीदे जा सकते हैं. इनके अलावा आईडीबीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक से भी इन्हें खरीदा जा सकता है. बॉन्ड्स को केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में खरीदने की इजाजत है. निवेशक चाहें तो नकदी में भी इन्हें खरीद सकते हैं, लेकिन, उसकी अधिकतम सीमा 20 हजार रुपये है.
इन बॉन्ड्स में कम से कम 1000 रुपये का निवेश जरूरी है. इसमें निवेश की अधिकतम सीमा नहीं है. जारी होने के बाद से इनकी अवधि 7 साल की है. बॉन्ड्स पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल है. आप जिस इनकम टैक्स स्लैब में आएंगे, उसी के अनुसार टैक्स देना होगा. इसके अलावा ब्याज आय पर टीडीएस भी लागू होगा.
AmitKukreja.com के फाउंडर और फाइनेंशियल एडवाइजर अमित कुकरेजा के मुताबिक, आप सॉवरेन सुरक्षा वाला या जीरो डिफॉल्ट वाली स्कीम आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. ये बेहतर विकल्प है. अगर आपकी इनकम 30 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में आती है तो आपको इसपर 7.15 प्रतिशत की ब्याज दर मिल सकता है. वहीं अगर आप थोड़ा और रिस्क लेते हैं तो कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स में निवेश कर सकते हैं.