RBI फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड में निवेश करना चाहिए या नहीं? अभी जानें इसके बारे में

Floating Rate Saving Bonds: बॉन्‍ड सरकारी बैंक और अधिकृत निजी बैंक से खरीद सकते हैं. बॉन्ड को केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में खरीदने की अनुमति है.

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अगर आप लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो सभी डिटेल्स को पहले से जान लेना चाहिए है. समय आने पर, आपको कम ब्याज दरों से बहुत लाभ हो सकता है

अगर आप लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो सभी डिटेल्स को पहले से जान लेना चाहिए है. समय आने पर, आपको कम ब्याज दरों से बहुत लाभ हो सकता है

Floating Rate Saving Bonds: जो लोग Fixed Income साधनों में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, उनके सामने कई विकल्प उपलब्ध हैं. मसलन, गवर्मेंट टैक्स सेविंग स्कीम्स (PF, PPF, SCSS), बॉन्ड्स (कॉरपोरेट और RBI बॉन्ड्स) और FD व RD (FD/RD).

इतने सारे विकल्पों में से आज हम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा जारी फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड (Floating Rate Saving Bonds) के बारे में जानेंगे.

RBI के फ्लोटिंग-रेट सेविंग्स बॉन्ड

RBI के 7 साल की अवधि वाले फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स में कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है.

यदि आप बाद में NRI बनते हैं, तो भी इन बॉन्ड को होल्ड कर सकते हैं. इसमें निवेश के लिए उम्र पर कोई बाधा नहीं है और निवेश की भी सीमा नहीं है. कम से कम 1,000 रुपये का निवेश जरूरी है.

कहां मिलेंगे बॉन्ड?

ये बॉन्‍ड किसी भी सरकारी बैंक से और अधिकृत निजी बैंक से खरीदे जा सकते हैं. बॉन्ड को केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में खरीदने की अनुमति है. निवेशक चाहें तो नकद भी खरीद सकते हैं, लेकिन उसकी अधिकतम सीमा 20,000 रुपये है.

ब्याज टैक्सेबल

बॉन्ड में निवेश पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल है. आप जिस इनकम टैक्‍स स्‍लैब में आएंगे, उसी के अनुसार टैक्‍स देना होगा. इसके अलावा, ब्‍याज आय पर टीडीएस भी लागू होगा.

रिडेम्पशन और पेनल्टी

7 साल की अवधि के बाद फेस वैल्यू पर रिडेम्पशन संभव है. यदि आपकी उम्र 60-70 साल के बीच है, तो आपको अवधि के अंतिम वर्ष यानि की सातवें साल में प्री-मैच्योर रिडेम्पशन की छूट है.

अगर आपकी उम्र 70-80 साल के बीच है, तो आप 5 साल के बाद कभी भी रिडेम्पशन कर सकते हैं और 80 साल से ज्यादा उम्र वाले निवेशक 4 साल के बाद कभी भी इन्हें रिडीम कर सकते हैं. प्री-मैच्योर रिडेम्प्शन पर अंतिम ब्याज का 50% पेनाल्टी लगती है.

ट्रांसफर और ट्रेडेबिलिटी

ये बॉन्ड ट्रांसफरेबल नहीं होते हैं. सिर्फ निवेशक की मौत के बाद ही नॉमिनी के नाम पर ही ये ट्रांसफर हो सकते हैं.

इन बॉन्‍ड की ट्रेडिंग शेयर बाजार में नहीं की जा सकती है. न ही बैंक, वित्तीय संस्‍थान, एनबीएफसी आदि से इन पर लोन लिया जा सकता है.

ब्‍याज दर की तुलना

इस बॉन्ड का सबसे बड़ा फायदा है फ्लोटिंग ब्‍याज दर. इस रेट को नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) की ब्‍याज दर से 0.35% प्लस करके तय किया जाता है.

NSC की ब्‍याज दर 6.8% है, इस हिसाब से RBI के बॉन्ड का रेट 7.15% होता है, जो FD (5से 7%), RD (5.8%) या KVP (6.9%) जैसी स्कीम के मुकाबले ज्यादा है, लेकिन, सीनियर सीटिजन सेविंग्स स्कीम (7.4%) और प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (7.4%) के मुकाबले कम है.

कौन कर सकते हैं निवेश

एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि आप सीनियर सीटिजन हैं, तो इससे भी अच्छे रिटर्न वाली स्कीम्स उपलब्ध हैं.

सीनियर सीटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) और प्रधान मंत्री वय वंदना योजना (PMVVY), प्रत्येक में 15 लाख रुपये की सीमा तक निवेश कर दिया हो, तो आप रिटायरमेंट फंड के लिए RBI के फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं.

जिन सीनियर सीटिजन के पास सरप्लस कैश है और वे अच्छा रिटर्न चाहते हैं, तो वे इसमें निवेश कर सकते हैं.

इसमें सेक्शन 80C के तहत टैक्स का फायदा नहीं है, लेकिन क्रेडिट रिस्क शून्य है, क्योंकि RBI की गारंटी है, जो लोग कम टैक्स ब्रैकेट में आते हैं उनके लिए ये सही विकल्प है क्योंकि इसमें मूलधन की सेफ्टी है और ब्‍याज दर ज्यादा है.

जो निवेशक 80C में निवेश की सीमा क्रॉस कर चुके हैं और सुरक्षा के साथ साथ इनकम चाहते हैं, उनके लिए भी ये सही विकल्प है.

Published - May 27, 2021, 08:42 IST