शुक्रवार से देश की राजधानी दिल्ली में शुरू हो रहे G-20 देशों के शिखर सम्मेलन में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियमों का ब्लूप्रिंट सामने आ रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिप्टो के लेकर ब्लू प्रिंट में इसके ग्लोबल रेग्युलेशन को लेकर नियम होंगे. हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि क्रिप्टो की चुनौतियों से निपटने के लिए एक फ्रेमवर्क होना जरूरी है, उन्होंने कहा था कि क्रिप्टो एक खतरा होने के साथ एक मौका भी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिप्टो के रेग्युलेशन को लेकर G-20 देशों के वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंक गवर्नरों की ओर से इंटरनेशनल मॉनिट्री फंड (IMF) और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB) ने एक पेपर तैयार किया है और उस पेपर को शिखर सम्मेलन के दौरान चर्चा के लिए सभी राष्ट्राअध्यक्षों के सामने रखा जाएगा. रिपोर्ट में गया है कि क्रिप्टो को लेकर तैयार पेपर के जरिए वैश्विक स्तर पर इसके रेग्युलेशन का खाका तैयार होगा, लेकिन अंतिम फैसला G-20 देशों के राष्ट्राअध्यक्ष लेंगे.
भारत ने अपनी G-20 की अध्यक्षता के दौरान क्रिप्टो को लेकर वैश्विक स्तर पर नियमों की वकालत की है. भारत का मानना है कि क्रिप्टो को लेकर किसी एक देश में रेग्युलेशन लगाने से इसकी चुनौतियों से वैश्विक स्तर पर नहीं निपटा जा सकता. हाल में हुए B-20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने क्रिप्टो को लेकर वैश्विक स्तर पर नियम बनाने की बात कही थी.
हालांकि क्रिप्टो को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से पूर्व में जो बयान आए हैं उनमें क्रिप्टो करेंसी को पॉन्जी स्कीम तक कहा गया था. रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने यहां तक कहा था कि क्रिप्टो पर लगाम नहीं लगाई गई तो इसकी वजह से दुनिया में नया आर्थिक संकट आएगा.