Cryptocurrency: सरकार के नियम लाने के बावजूद दूर नहीं हुई निवेशकों की उलझन

कंपनी मामलों के मंत्रालय ने कंपनियों के लिए cryptocurrency का खुलासा अनिवार्य कर दिया है, लेकिन इंडीवुजअल्स को लेकर तस्वीर अभी साफ नहीं है.

This is important to know before investing in big names or any other crypto currency

एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.

एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) में ट्रेडिंग करना एक उलझन भरा काम है. ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी को ये नहीं पता कि ऐसा करना कानूनी तौर पर जायज है या नहीं.

अपने पांच-पॉइंट वाले फ्रेमवर्क में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) इंडस्ट्री संगठन इंडियाटेक.ऑर्ग (indiatech.org) ने सरकार से कहा है कि वह भारत में क्रिप्टोकरेंसी को “परिभाषित करे, इसे इजाजत दे और इसमें जरूरी जांच-पड़ताल को प्रोत्साहित करे.” संगठन के ट्विटर हैंडल से ये बात कही गई है.

क्रिप्टो को लेकर पांच बिंदुओं का जिक्र

इन पांच बिंदुओं में एक अहम बात क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को करेंसी की बजाय एक एसेट के तौर पर पर परिभाषित करने की बात की गई है. साथ ही इन्हें डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स के दायरे में लाने के लिए कहा गया है ताकि सरकार को इस मद से रेवेन्यू हासिल हो सके.

सरकार का निर्देश

हाल में ही मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (MCA) ने कंपनियों के लिए ये अनिवार्य कर दिया है कि वे अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स का लेखाजोखा सामने लाएं. लेकिन, इस तरह का कोई आदेश इंडीविजुअल्स और घरेलू क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए नहीं जारी किया गया है.

बेहतर होगा रेगुलेटरी माहौल

ZebPay के को-सीईओ अविनाश शेखर ने मनी9 को बताया, “कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने कंपनियों के लिए अपने क्रिप्टो आधारित लेनदेन का खुलासा करना जरूरी कर दिया है. हमारा मानना है कि ये एक सही दिशा में उठाया गया कदम है. इससे क्रिप्टो के संबंध में एक व्यापक रेगुलेशंस लाने का माहौल बनेगा.”

वे कहते हैं, “ऐसा पहली बार हो रहा है जबकि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को एक एसेट क्लास के तौर पर मान्यता दी है. ऐसा करने से क्रिप्टो को लेकर ये गलत धारणाएं दूर की जा सकेंगी कि क्रिप्टो कानूनी तौर पर वैध नहीं है.”

टैक्स के दायरे में लाया जाना जरूरी

कंपनियों के किए जाने वाले खुलासे एक अलग चीज हैं, जबकि क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को  टैक्स के दायरे में लाना एक अलग बात है. इस इंडस्ट्री की कंपनियों को हालांकि भारत में क्रिप्टो को लेकर एक कानूनी और रेगुलेटरी व्यवस्था बनाए जाने की उम्मीद है.

WazirX के सीईओ निश्चल शेट्टी ने कहा, “इस इंडस्ट्री से जुड़े हुए होने के चलते हम सरकार के उठाए गए कदम से खुश हैं. सरकार का क्रिप्टो में निवेश को एक वैध एसेट क्लास माना जाना स्वागत योग्य कदम है. हमें उम्मीद है कि और ज्यादा कंपनियां क्रिप्टो (cryptocurrency) को खरीदेंगी और अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करेंगी.”

इंडीविजुअल होल्डिंग को लेकर तस्वीर साफ नहीं

हालांकि, वे कहते हैं कि अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि क्या एक्सचेंजों को अपने कस्टमर्स की होल्डिंग्स के बारे में बताना होगा या नहीं. इस दिशा में सही दिशानिर्देश आने के बाद भारत में एक क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को संस्थागत तौर पर अपनाया जा सकता है.

(रजत शुभ्र मजूमदार के इनपुट्स के साथ)

Published - May 15, 2021, 01:32 IST