Cryptocurrency: पैसा कमाने की ख्वाहिश से ज्यादा, हमें पैसे के डूबने का डर होता है. यही वजह है जब हमें कहीं बड़ी कमाई या तूफानी रिटर्न देती स्कीम दिखती है तो मन में आता है काश… काश… हमने भी यहां निवेश किया होता…. लेकिन, डर की वजह से पीछे हट जाते हैं. पिछले कुछ समय में हमने ऐसा ही रिटर्न का रॉकेट क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में भी देखा… बिटकॉइन (Bitcoin) नाम की इस डिजिटल करेंसी ने लगातार रिकॉर्ड तोड़े… लेकिन, अब भी ज्यादातर लोग शायद इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) से अनजान हैं या फिर इसका नाम सुनते ही दूर भागते हैं. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) है क्या, कैसे काम करती है और क्या निवेश के लिहाज से ऐसे प्रोडक्ट सही हैं जिसके लिए कोई रेगुलेटर तक नहीं? Wazirx के फाउंडर निश्चल शेट्टी से समझें पूरा पेंच.
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है?
ऑफलाइन जब आप पैसे अपने दोस्त को देते हो तो आप खुद दे सकते हैं. वहीं ऑनलाइन ट्रांसफर करने पर बैंक के जरिए ट्रांसफर होता है यानि प्रक्रिया में तीन पार्टी शामिल हुए – आप, आपका दोस्त और बैंक. बिटकॉइन (Bitcoin) आप ऐसे ही ऑनलाइन ट्रांसफर कर सकते हैं लेकिन इसमें किसी थर्ड पार्टी की जरूरत नहीं है, ये पियर-टू-पियर हो सकता है.
इतनी तरह की क्रिप्टोकरेंसी क्यों?
बिटकॉइन (Bitcoin) के अलावा लाइटकॉइन, इथीरियम, बाइनैंस कॉइन, ट्रॉन, चेनलिंक जैसी कई क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) हैं. ये ऐसा ही है जैसे इंटरनेट पर कई वेबसाइट हैं लेकिन हर वेबसाइट का यूजर अलग है. वैसे ही अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी का यूजर अलग है. बिटकॉइन (Bitcoin) की तुलना डिजिटल गोल्ड से की जाती है जबकि इथीरियम ऑनलाइन कंप्यूटिंग रिसोर्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
बिटकॉइन ही इतना पॉपुलर क्यों है?
बिटकॉइन (Bitcoin) दुनिया का सबसे पहला क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) है. बिटकॉइन के फाउंडर के पास भी नेटवर्क का कंट्रोल नहीं है, ये डीसेंट्रलाइज्ड है. पूरी दुनिया मिलकर इसका संचालन करती है. बिटकॉइन किसी एक कंपनी को प्रोमोट नहीं करता और ये सभी के लिए है. बिटकॉइन की संख्या बढ़ने नहीं वाली, वो हमेशा 21 मिलियन ही रहेगी. जिस वजह से सप्लाई कम है और डिमांड ज्यादा. बिटकॉइन (Bitcoin) सबसे पुराना, सबसे ज्यादा होल्डर्स इसलिए लोगों का भरोसा ज्यादा.
भारत में रेगुलेशन क्या हैं?
देश में कई सालों से रेगुलेशन की मांग है. रेगुलेशन होने से यूजर्स में भरोसा बढ़ेगा, जोखिम घटेगा. सरकार इस ओर चर्चा कर रही है जो अच्छी बात है. विदेश में भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के रेगुलेशन के इन बिंदुओं पर फोकस है.