Cryptocurrency Chia: क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में एक ट्वीट भी बड़े उतार-चढ़ाव ला सकता है. टेस्ला संस्थापक एलन मस्क के एक ट्वीट से बिटकॉइन में जो गिरावट आई थी वहां से अब रिकवरी देखने को मिली है. दरअसल एलन ने बिटकॉइन के एनर्जी खपत को लेकर सवाल उठाए थे. इस ग्रीन-एनर्जी की बहस में एक क्रिप्टोकरेंसी ने सुर्खियां बटोरी – चिया कॉइन कहें या चिया नेटवर्क (Chia Network).
चिया क्या है ये समझाने से पहले आपको बतातें हैं कि मुद्दा शुरू कैसे हुआ.
भारतीय समय अनुसार 13 मई को एलन मस्क ने ट्वीट कर कहा कि टेस्ला अब गाड़ियाों की खरीदारी के लिए बिटकॉइन (Bitcoin) के जरिए ट्रांजेक्शन नहीं करेगी. इस एक ट्वीट से बिटकॉइन में 17 फीसदी तक की गिरावट आई, हालांकि उस स्तर से काफी रिकवरी भी दिखी है.
दरअसल टेस्ला इलेक्ट्रिक गाड़ियों को पुश दे रही है. लिहाजा एलन का कहना है कि वे ऐसी क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा नहीं दे सकते जिससे फॉसिल फ्यूल की खपत पढ़ रही है.
ट्वीट में एलन मस्क ने कहा है, “क्रप्टोकरेंसी एक अच्छा आइडिया है और हम मानते हैं कि इसका भविष्य भी काफी अच्छा है लेकिन इसके लिए पर्यावरण को बड़ी कीमत नहीं चुकानी पड़नी चाहिए.” उन्हेंने कुछ और ट्वीट इस सीरीज में किए और कहा है कि बिटकॉइन के लिए एनर्जी का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ा है.
उन्होंने एनर्जी खपत का ग्राफ भी साझा किया है. तो वहीं कई और ट्वीट में उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर उनका विश्वास है लेकिन इससे फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल, खास तौर पर कोयले के इस्तेमाल को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए.
To be clear, I strongly believe in crypto, but it can’t drive a massive increase in fossil fuel use, especially coal
— Elon Musk (@elonmusk) May 13, 2021
इस विवाद के बीच निवेशकों ने ग्रीन और एनर्जी एफिशियंट माने जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी चिया (Cryptocurrency Chia) की ओर रुझान किया. कॉइन मार्केट पर चिया की मौजूदा कीमत 1,379.64 अमेरिकी डॉलर है यानी रुपये में 1,00,995 के करीब. लेकिन 13 मई को ये 68,000 रुपये के करीब था. वहीं ठीक एक हफ्ता पहले 6 मई को इसने 41,363 का स्तर छुआ था. यानी इस निचले स्तर से अब तक देखें तो चिया कॉइन में दोगुना से ज्यादा का उछाल आया है.
चिया नेटवर्क को बिटटॉरेंट के आविष्कारक ब्रैम कोहेन ने बनाया है. कंपनी के मुताबिक ये ‘प्रूफ्स ऑफ स्पेस एंड टाइम’ (POST) का इस्तेमाल करता है जिससे यूजर्स हार्ड डिस्क की बाकी जगह को ट्रांजेक्शन के वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे कम कम्प्यूटिंग पावर की जरूरत होगी और बिजली खपत कम होगी. यही वजह है कि इसे ईको-फ्रेंडली क्रिप्टोकरेंसी माना जा रहा है.
3 मई से ही इस क्रिप्टोकरेंसी में ट्राजेक्शन की शुरुआत हुई है. ये बिटकॉइन के बाद नए नाकामोटो कॉनसेंसस एल्गोरिदम का इस्तेमाल करने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी है.