क्या गोल्ड की जगह ले पाएगी क्रिप्टोकरेंसी, कितनी जायज है दोनों की तुलना?

अक्सर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और गोल्ड (Gold) के बीच तुलना होती है. सीमित सप्लाई और पारंपरिक करेंसी के विकल्प के तौर पर अक्सर इन्हें गोल्ड के मुकाबले तौला जाता है.

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गुजरे एक साल में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) ने जैसे जबरदस्त रिटर्न दिए हैं उससे इनवेस्टर्स में इन्हें लेकर काफी हलचल बनी हुई है. मिलेनियल्स से लेकर दिग्गज इनवेस्टर्स तक हर कोई इनके बारे में जानना चाहता है. लेकिन, अक्सर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और गोल्ड (Gold) के बीच तुलना होती है. सीमित सप्लाई और पारंपरिक करेंसी के विकल्प के तौर पर अक्सर इन्हें गोल्ड के मुकाबले तौला जाता है.
लेकिन, क्या ये तुलना वाकई की तार्किक है, यहां हम इसी सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं.
कई तरह से काम आता है गोल्ड
गोल्ड (Gold) महज इनवेस्टमेंट के तौर पर काम नहीं करता, बल्कि इसे ज्वैलरी, कंप्यूटर्स, मोबाइल और दूसरी डिवाइसेज के कंपोनेंट्स में इस्तेमाल किया जाता है.
हालांकि, कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को पेमेंट के एक जरिए के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन भारत में एक एसेट के तौर पर अभी इनकी भूमिका बेहद सीमित है.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, “ज्वैलरी गोल्ड (Gold) मार्केट का अभिन्न हिस्सा है. सोने की डिमांड का एक बड़ा हिस्सा कल्चरल और धार्मिक मान्यताओं के चलते आता है. इसके चलते दूसरे एसेट क्लास से हटकर है. दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) डिजिटल एसेट है और हमारी राय में इनकी मांग का मौजूदा मकसद निवेश है.”
उपलब्धता और कमी
बिटकॉइन की सप्लाई पहले से तय होती है, लेकिन ऐसी कई दूसरी क्रिप्टोकरेंसी हैं जो कि हाल में आई हैं. गोल्ड (Gold) के मुकाबले क्रिप्टोकरेंसी की मांग गुजरे वर्षों में कई गुना बढ़ी है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि, गोल्ड (Gold) और बिटकॉइन दोनों सीमित हैं, लेकिन बिटकॉइन के पहले से तय संख्या में होने से इसे फायदा होता दिखाई देता है. गोल्ड की प्रासंगिकता फिजिकल और केमिकल गुणों और उपलब्धता और कमी की वजह से बनी हुई है. दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी की सप्लाई बढ़ सकती है और पुरानी की जगह नई क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) आ सकती हैं. मौजूदा वक्त में अनुमान के मुताबिक, अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर 10,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध हैं.”
कीमतों की चाल में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में ज्यादा निवेश का मतलब है कि इसमें मौजूद भारी जोखिम को देखते हुए गोल्ड में ज्यादा एलोकेशन किया जाए. WGC रिपोर्ट में कहा गया है, “गोल्ड (Gold) और क्रिप्टोकरेंसी के बीच संबंध बहुत कमजोर है. ज्यादातर वक्त ये -0.5 से 0.5 के बीच रहा है. 2020 के दौरान हालांकि, ये औसतन पॉजिटिव रहा था, लेकिन ये अभी भी किसी एक दिशा में स्थाई नहीं है.”
बदलता रेगुलेटरी माहौल
ऐसा माना जा रहा है कि रेगुलेटरी फ्रेमवर्क्स में बदलावों के साथ क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के लिए स्थितियां बदलेंगी. रिपोर्ट में कहा गया है, “क्रिप्टो मार्केट अभी भी विकास के चरण में है और लिक्विडिटी बहुत कम है. हमारा मानना है कि इनकी कीमतों में हो रहा बदलाव फिलहाल काफी निवेशकों को अपनी ओर खींच रहा है. ऐसा इसमें ऊंचे रिटर्न की उम्मीद के चलते है.”
Published - June 2, 2021, 07:33 IST