क्या गुजरात में ऑक्साजन की कमी नहीं होगी? ये दो कंपनियां लाईं अच्छी खबर, अभी ऑक्सीजन की ये है स्थिति

रिलायंस और इफ्को के ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने के ऐलान के साथ राज्य में इसकी कमी दूर होने की उम्मीद दिखाई दे रही है.

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कोरोना संक्रमण गुजरात में तेजी से फैल रहा है. अस्पतालों में बेड्स की संख्या तेजी से घट रही है. मरीजों की तादाद बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से ऑक्सीजन की मांग में तेजी से वृद्धि हुई है. ऐसी परिस्थितियों में, गुजरात सरकार ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है. कुछ उद्योगों ने भी मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया है, लेकिन सबसे बड़ी राहत रिलायंस और इफ्को की घोषणा से मिली है.

रिलायंस और इफ्को आगे आईं

गुजरात उच्च न्यायालय में मंगलवार को गुजरात सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य में 1100 टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाता है. मंगलवार को, 1,050 टन ऑक्सीजन की खपत हुई थी. सरकार ने बताया की आगामी दिनों में 16 यूनिट तक टैंक तैयार किए जाएंगे. वर्तमान में, 5 बड़े अस्पतालों में इस प्रकार की ऑक्सीजन तैयार करने की इकाइयां तैयार हैं.

दूसरी ओर, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने घोषणा की है कि वह राज्य को 400 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगी. गुजरात की सहकारी सेक्टर की खाद बनानेवाली सबसे बड़ी कंपनी इफ्को ने भी अपने कलोल संयंत्र में ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू करने का फैसला लिया है.

15 दिन में शुरू हो जाएंगे इफ्को के प्लांट

इफ्को के प्रवक्ता ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले आदेश दिया गया था. ऑक्सीजन प्लांट को शुरू होने में कम से कम 15 दिन लगेंगे. एक विशेष टीम इस योजना पर काम कर रही है. इफ्को इसे जल्दी से चालू करने की कोशिश करेगा.

इफ्को के सीईओ यू एसअवस्थी ने रविवार देर रात इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि गुजरात में कलोल संयंत्र में 200 घन मीटर प्रति घंटे की क्षमता वाला एक ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किया जाएगा. हम 46.7 लीटर ऑक्सीजन वाले सिलेंडर तैयार करेंगे. यहां रोजाना 700 बड़े डी-सिलेंडर भरे जाएंगे.

30 करोड़ रुपये से 4 प्लांट लगेंगे

कंपनी 30 करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में चार चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करेगा. यह ऑक्सीजन अस्पतालों में मुफ्त में वितरित किए जाएंगे. ये संयंत्र गुजरात में कलोल, उत्तर प्रदेश में आंवला और फूलपुर और ओडिशा में पारादीप में स्थापित किए जाएंगे.

एक्सपर्ट की माने तो सरकार के प्रयासों और कंपनियों की उत्पादन लाइनों की शुरुआत के साथ, राज्य में ऑक्सीजन की कमी अगले 10 दिनों में कम होने की संभावना है.

Published - April 21, 2021, 02:32 IST