कोवैक्सीन का वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल शुरू होने में अभी समय लग सकता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भारत बायोटेक से कोवैक्सीन (COVAXIN) को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए और जानकारी मांगी है. WHO ने कहा है कि EUL में शामिल होने के लिए कोविड-19 रोधी वैक्सीन कोवैक्सीन पर और जानकारी की जरूरत है.
WHO की कोविड-19 वैक्सीन को लेकर सबसे ताजा रिपोर्ट में कोवैक्सीन को ‘इवैल्यूएशन प्रोसेस’ कैटेगरी में डाला गया है. 18 मई के इस डॉक्यूमेंट के मुताबिक भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को आवेदन दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक और जानकारी को लेकर प्री-सब्मिशन बैठक मई-जून में होने की संभावना है.
WHO लिस्टिंग की जानकारी गोपनीय रखता है. अगर कोई प्रोडक्ट लिस्टिंग के लिए मापदंडों पर सही पाया जाता हो तो ही WHO उसकी जानकारी देता है. इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए लिस्टिंग प्रोसेस वैक्सीन उत्पादक द्वारा सौंपी गए डाटा की क्वालिटी पर निर्भर करता है. ये डाटा WHO के क्राइटिरिया पर खरा उतरता है या नहीं इसी आधार पर उसे मंजूरी मिलती है.
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने सरकार को जानकारी दी है कि उन्होंने वैक्सीन से जुड़े 90 फीसदी कागजात WHO में जमा करा दिए हैं ताकि कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल सके.
बाकी कागजात जून में सौंपे जाने का अनुमान है. भारत बायोटेक ने WHO से मंजूरी की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार के साथ हुई बैठक में ये जानकारी सौंपी है. कंपनी ने कहा है कि उन्हें भरोसा है कि कोवैक्सीन (COVAXIN) को WHO से मंजूरी मिल जाएगी. उनका कहना है कि कोवैक्सीन को 11 देशों से रेगुलेटरी मंजूरी हासिल हो चुकी है. इसके अलावा टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और प्रोडक्शन को लेकर 11 और देशों से चर्चा जारी है.
अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर FDA के साथ भी चर्चा आखिरी चरण में है. अमेरिका में तीसरे चरण का छोटा क्लिनिकल ट्रायल कराने को लेकर बात चल रही है.
WHO के साथ हुई बैठक में भारत बायोटेक के डायरेक्टर वी कृष्णमोहन, स्वास्थ्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.
(PTI इनपुट के साथ)