WHO से इस वैक्सीन को मिली मंजूरी, जानें भारत में इन टीकों को लाने पर क्या हैं नियम

WHO की इमरजेंसी इस्तेमाल सूची में शामिल वैक्सीन को भारत में फास्ट-ट्रैक करने की अनुमति है. इन वैक्सीन को ड्रग रेगुलेटर DCGI से ब्रिजिंग ट्रायल की छूट है. 

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Picture: WHO

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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने मंगलवार को एक और कोविड-19 रोधी वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है. WHO ने चीन की तैयार की दूसरी वैक्सीन सिनोवैक को इमरजेंसी यूज लिस्ट (EUL) में शामिल किया है.

युनाइटेड नेशंस की हेल्थ एजेंसी ने बयान में कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन सिनोवैक-कोरोनावैक (Sinovac-CoronaVac) को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है जिससे अन्य देश, वैक्सीन एजेंसियां इस बात को ये भरोसा होना चाहिए कि वैक्सीन सुरक्षा, मैन्युफैक्चरिंग और सफलता के अंतरराष्ट्रीय मानदंड़ों पर खरी उतरी है.

भारत के लिए क्या मायने?

WHO की इमरजेंसी इस्तेमाल सूची में शामिल वैक्सीन को भारत में फास्ट-ट्रैक करने की अनुमति है. इन वैक्सीन को ड्रग रेगुलेटर DCGI से ब्रिजिंग ट्रायल की छूट है.

अभी तक किसी भी विदेशी कंपनी को भारत में कोरोना वायरस रोधी टीका शुरू करने से पहले ब्रिजिंग ट्रायल करना होता था. इसमें सीमित संख्या में स्थानीय स्वयंसेवकों पर टीके की प्रभावकारिता और सुरक्षा को परखा जाता है.

DCGI के अनुसार, भारत में हाल ही में कोविड-19 के मामले बेतहाशा बढ़ने के कारण बढ़ी टीकों की मांग तथा देश की जरूरतों केा पूरा करने के लिए इंपोर्ट टीकों की उपलब्धता बढ़ाने की जरूरत को देखते हुए ब्रिजिंग ट्रायल की यह छूट दी गई हैं.

ड्रग रेगुलेटर का कहना है, ‘‘आपात स्थिति में सीमित इस्तेमाल के लिए भारत में कोविड-19 रोधी टीकों को स्वीकृति दिए जाने का फैसला किया जाता है. ऐसे टीकों की मंजूरी दी जाती है जो अमेरिकी FDA, EMA (यूरोप), यूके MHRC, PMDA जापान द्वारा स्वीकृत हैं या WHO के आपात इस्तेमाल सूची में सूचीबद्ध हैं और जिनका इस्तेमाल पहले ही लाखों लोगों पर किया जा चुका है. सीडीएल, कसौली द्वारा टीके की जांच करने तथा ब्रिजिंग ट्रायल से छूट दी जा सकती है.’’

किन वैक्सीन को मिली है WHO से मंजूरी?

इससे पहले WHO ने चीन की सिनोफार्म वैक्सीन को भी मंजूरी दी थी. चीन ने WHO की वैक्सीन मुहीम कोवैक्स (COVAX) के तहत 1 करोड़ वैक्सीन डोज सप्लाई करने का ऑफर दिया है.

कोवैक्स के जरिए विकासशील देशों को कोविड-19 वैक्सीन सप्लाई की जा रही है. इसके तहत सप्लाई के लिए WHO की EUL में शामिल होना जरूरी है.

WHO ने अब तक फाइजर-बायोनटेक, एस्ट्राजेनेका-एसके बायो, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, एस्ट्राजेनेका-EU, जॉन्सन एंड जॉन्सन की जैनसन, मॉडर्ना की कोविड आरएनए कोविड वैक्सीन, चीन की सिनोफार्म और सिनोवैक को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है.

भारत की स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन को WHO से जून में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी की उम्मीद जताई है.

Published - June 2, 2021, 01:52 IST