जॉन्सन एंड जॉन्सन की एक डोज वाली कोरोना वैक्सीन को WHO से मंजूरी मिली, इस वैक्सीन में क्या है खास?

यूरोपियन मेडिसन्स एजेंसी (EMA) ने जैनसन वैक्सीन को कल ही मंजूरी दी है जिसके बाद WHO से भी इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है. 

WHO, Johnson & Johnson, J&J Vaccine, Janssen, Covid-19

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने जॉन्सन एंड जॉन्सन (Johnson & Johnson) की एक डोज वाली कोविड-19 वैक्सीन जैनसन (Janssen) को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है. ये तीसरी वैक्सीन है जिसे WHO ने मंजूरी दी है.  वहीं मंजूरी पाने वाली ये पहली ऐसी कोरोना वैक्सीन  है जिसका सिर्फ एक डोज देने की जरूरत है.

इससे पहले फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer/BioNTech) और एस्ट्राजेनेका-एस के बायो और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन को WHO की इमरजेंसी यूज लिस्ट (EUL) में जगह मिली है. भारत में फिलहाल दो वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिली है – सीरम इंस्टिट्यूट की बनाई एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन. कोवैक्सीन को हाल ही में क्लिनिकल ट्रायल से बाहर कर इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी हासिल हुई है जिससे इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो पाएगा.

WHO ने इसपर जानकारी देते हुए कहा है कि सिंगल डोज होने की वजह से इस वैक्सीन से लॉजिस्टिक में आसानी होगी. ये वैक्सीन WHO की दुनियाभर में वैक्सीन पहुंचाने की पहल कोवैक्स (COVAX) में भी इस्तेमाल लाई जाएगी. WHO ने कहा है कि क्लिनिकल ट्रायल का डाटा साबित करता है कि वैक्सीन बुजुर्गों में भी कारगर है.

27 देशों के संगठन योरीपीय यूनियन में जॉन्सन एंड जॉन्सन की वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल चुकी है. यूरोपियन मेडिसन्स एजेंसी (EMA) ने जैनसन वैक्सीन को कल ही मंजूरी दी है जिसके बाद WHO से भी इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है.  WHO के डायरेक्टर जनरल डॉ टेड्रोस अधानोम ने कहा, “कोविड-19 के खिलाफ हर एक नया और सुरक्षित साधन महामारी की रोकथाम की तरफ एक कदम है. लेकिन इनसे मिली उम्मीद तब तक असर नहीं दिखाएगी जब तक सभी देशों में ये उपल्बध नहीं होती. मैं सरकारों और कंपनियों से अपनी जिम्मेदारी निभाने की अपील करता हूं.”

जॉन्सन एंड जॉन्सन की वैक्सीन की खास बात

जॉन्सन एंड जॉन्सन की जैनसन वैक्सीन सिंगल डोज वाली वैक्सीन है. यानि इसका केवल एक इंजेक्शन लगाया जाएगा जबकि फिलहाल इस्तेमाल में लाई जा रही अन्य वैक्सीन के पहले डोज के बाद एक बूस्टर डोज लगाया जाता है जिससे एंटीबॉडी बनें और लंबे समय तक कोविड-19 के खिलाफ इम्यूनिटी में प्रतिरोधी क्षमता बनी रहे.

इस वैक्सीन को माइनस 20 डिग्री सेलशियस पर स्टोर किया जाता है लेकिन 3 महीने तक इसे 2-8 डिग्री सेलशियस पर सुरक्षित रखा जा सकता है. वहीं WHO के मुताबिक इस वैक्सीन की शेल्फ लाइफ 2 साल है यानि बनने के बाद 2 साल तक इस वैक्सीन का इस्तेमाल हो सकता है.

सिंगल डोज होने की वजह से लोगों को बार-बार हॉस्पिटल नहीं आना पड़ेगा. वहीं स्टोर करने का तापमान भी ऐसा है जिससे लॉजिस्टिक आसान होगा.

अगले हफ्ते WHO का स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी ग्रुप वैक्सीन के इस्तेमाल पर सुझाव देखा. अब तक WHO के कोवैक्स (COVAX) के तहत 50 करोड़ वैक्सीन डोज बुक किए हैं.

भारत में अब तक वैक्सीनेशन

भारत में 12 मार्च को 20,53,537 वैक्सीन लगाई गई है जिसमें से 16,39,663  को पहला डोज दिया गया जबकि 4,13,874 को दूसरा डोज लगाया गया है. ये एक दिन में लगाए गए वैक्सीन का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसी के साथ भारत में कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 2.82 करोड़ के पार निकल गया है.

Published - March 13, 2021, 01:28 IST