COVID-19 Vaccine: भारत में वैक्सीनेशन का तीसरा और सबसे बड़ा चरण शुरू हुए एक हफ्ता हो गया है लेकिन इसमें रफ्तार आनी बाकी है – वजह है वैक्सीन की कमी. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 2 दिनों से भारत में वैक्सीन की दूसरी डोज लेने वालों की संख्या पहली डोज लेने वालों से ज्यादा रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक वैक्सीनेशन के तीसरे चरण में 18 वर्ष से 44 वर्ष के बीच के 11.8 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई है. 6 दिन तक के इस आंकड़े के मुताबिक देश भर में एक दिन में 2 लाख से भी कम 18-44 वर्ष के लोगों को वैक्सीन लगाई गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक 7 मई की सुबह 7 बजे तक कुल 23.70 लाख वैक्सीन लगाई गई है जिसमें से 13.10 लाख को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई है. ऐसा लगातार दूसरे दिन हुआ है जब पहली डोज लेने वालों की संख्या दूसरी डोज लेने वालों की तुलना में कम है.
गौरतलब है कि भारत में अब तक एक दिन में लगभग 43 लाख वैक्सीन डोज लगाने का रिकॉर्ड है. यानी मौजूदा रफ्तार उससे तकरीबन 40-45 फीसदी धीमी है.
पिछले 24 घंटे में 10.60 लाख को पहली डोज दी गई – यानी कल लगाए गए वैक्सीन में से सिर्फ 44.72 फीसदी को पहला डोज लगाया गया.
देश में अब तक कुल 16.49 करोड़ डोज दिए गए हैं 13.2 करोड़ को पहली डोज दी गई है और 3.28 करोड़ को दोनों डोज लगाई गई है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और वैक्सीन के लिए एक यूनिफॉर्म पॉलिसी की मांग की है ताकि वैक्सीन वितरण विकेंद्रित हो सके और सभी को वैक्सीन लगवाने का मौका मिले.
राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र और राज्यों के लिए अलग-अलग कीमतों के मैकनिज्म को हटाने की जरूरत है और सभी को वैक्सीन 150 रुपये प्रति डोज पर मिलनी चाहिए.
राज्य ने ये भी कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से अलॉट किए वैक्सीन डोज अभी तक राज्य को नहीं मिले हैं. उनके मुताबिक केंद्र की ओर से राज्य को 5 मई 2021 तक 4 लाख वैक्सीन डोज सप्लाई की जानी थी.
राज्यों ने तीसरे चरण की नीति के तहत वैक्सीन उत्पादकों को डोज के लिए ऑर्डर दिए हैं. हालांकि उनकी सप्लाई को लेकर अभी अनिश्चितता बनी है. यही वजह है कि राज्यों ने सीमित स्तर पर वैक्सीनेशन की शुरुआत की है.
एक ओर उत्तर प्रदेश ने कोरोना से ज्यादा प्रभावित जिलों में ही 18-44 वर्ष के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया है तो वहीं पंजाब ने भी शहरों में ही इसे सीमित रखा है.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने कोवैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया है और कहा है कि जिन लोगों को कोवैक्सीन की पहली डोज लगाई गई है उनके लिए केंद्र सरकार कोवैक्सीन की दूसरी डोज भिजवाए. उन्होंने कहा कि अगर ये आपूर्ति नहीं होती है तो 18 से 44 वर्ष के लोगों को ये वैक्सीन ना लगवाकर दूसरे डोज का इंतजार कर रहे लोगों को प्राथमिकता के तौर पर दी जाएगी. हालांकि उन्होंने ये कहा कि राज्य के पास कोविशील्ड की पर्याप्त डोज हैं.