वैक्सीनेशन में आरक्षणः महामारी के दौर में इस राज्य ने लागू किया ये अटपटा नियम, जानिए क्यों है इस पर विवाद

Vaccine Reservation: ऐसे वक्त पर जबकि देश एक असाधारण महामारी से जूझ रहा है. छत्तीसगढ़ राज्य ने वैक्सीनेशन में रिजर्वेशन का विवादित नियम लागू किया है.

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Picture Courtesy: PTI

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Vaccine Reservation: कोविड की दूसरी लहर से पूरा देश बदहाल है. आजादी के बाद शायद पहली दफा भारत इस तरह के एक असाधारण संकट का सामना कर रहा है.

इस महामारी से बचने का फिलहाल इकलौता तरीका वैक्सीन ही है. भारत सरकार के 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए वैक्सीनेशन को खोले जाने के बाद से इसकी किल्लत हर जगह देखी जा रही है.

हालांकि, आपने वैक्सीनेशन में रिजर्वेशन (Vaccine Reservation) का नियम पूरी दुनिया में ये कहीं नहीं सुना होगा. लेकिन, भारत के एक राज्य ने कोविड से जंग में आरक्षण लागू किया है. इस राज्य का नाम है छत्तीसगढ़.

छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन में आरक्षण

छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने अंत्योदय वैक्सीनेशन नीति शुरू की है जो एक तरह से रिजर्वेशन की प्रणाली है. 2 मई को छत्तीसगढ़ सरकार ने 18-44 साल के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया.

इसके साथ ही सरकार ने एक अनोखा और विवादित नियम लागू कर दिया. इस नियम के तहत वैक्सीनेशन में प्राथमिकता अंत्योदय और BPL (गरीबी की रेखा से नीचे) कार्डधारकों को देने की बात की गई.

इस नियम को लागू करते वक्त राज्य सरकार ने कहा था कि राज्य में सबसे पहले गरीबों (अंत्योदय और बीपीएल कार्डधारकों) को वैक्सीन लगेगी और इसके बाद ही सामान्य तबके का नंबर आएगा.

इस नियम के साथ छत्तीगसढ़ देश का ऐसा पहला राज्य बन गया जिसने वैक्सीनेशन में भेदभाव (Vaccine Reservation) का नियम लागू किया.
राज्य के इस नियम की जमकर आलोचना हुई और तमाम लोग इस कदम को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं.

दूसरी ओर, अपने नियम का बचाव करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर पूरे देश में इस तरह का नियम बनाने की मांग कर डाली. अपनी चिट्ठी में बघेल ने कहा है कि देशभर में गरीबों को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

गौरतलब है कि राज्य में करीब 14 लाख अंत्योदय कार्ड होल्डर परिवार हैं और इस कैटेगरी में करीब 42 लाख लोग वैक्सीनेशन के योग्य हैं.

हाईकोर्ट पहुंचा मामला

छत्तीसगढ़ सरकार के इस विवादित फैसले के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की गई. इस याचिका में कहा गया है, “पूरी दुनिया में जिस वक्त मेडिकल रिसोर्सेज सीमित हैं, उस वक्त मेडिकल रूप से जोखिम के आधार पर आवंटन होना चाहिए न कि आमदनी के हिसाब से. राज्य सरकार ने राजनीतिक नफे के लिए वैज्ञानिक सोच को नकार दिया है.”

याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह वैक्सीन वितरण के लिए एकसमान तरीका अपनाए जिसमें अंत्योदय ग्रुप, बीपीएल कैटेगरी और सामान्य कैटेगरी के लोगों को एक उचित रेशियो में आवंटन हो सके.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद छत्तीसगढ़ में वैक्सीन प्राथमिकता के आधार पर नहीं, बल्कि तब तक सभी वर्गों में एक तिहाई लोगों को लगाई जा रही है. साथ ही राज्य सरकार इस पर एक स्पष्ट नीति तैयार कर रही है. दरअसल, सरकार ने कोर्ट के आधार के बाद वैक्सीनेशन रोक दिया था, ताकि सभी वर्गों को ज्यादा फायदा कैसे मिल सके, इसका निर्धारण किया जा सके.

इस पर कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई और कहा, “वैक्सीनेशन बंद करने के लिए आपसे किसने कहा था. जब तक स्पष्ट नीति नहीं बन जाती, तब तक अंत्योदय, बीपीएल, एपीएल आदि सभी वर्गों का 33 फीसदी के हिसाब से वैक्सीनेशन किया जाए.”

मौजूदा वक्त में छत्तीसगढ़ में इसी 33-33% के आधार पर वैक्सीन (Vaccine Reservation) लग रही है. इसका असर ये हो रहा है कि ज्यादातर जगहों पर APL (गरीबी की रेखा से ऊपर वाले या सामान्य तबके) को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है.

अपना ऐप लॉन्च

इसके अलावा, छत्तीसगढ़ में सरकार ने 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के लिए अपना अलग ही पोर्टल बना लिया है. यह केंद्र सरकार के CoWin Portal से अलग है. इसमें इस आयु वर्ग में आने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है.
इस मामले में भी छत्तीसगढ़ देश का ऐसा इकलौता राज्य है जिसने अपना पोर्टल बनाया है. इस पोर्टल का नाम CGteeka रखा गया है. http://cgteeka.cgstate.gov.in/user-registration इस लिंक के जरिए पोर्टल तक पहुंचा जा सकता है.

हालांकि, राज्य में कोविन और आरोग्य सेतु ऐप से भी रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन CGteeka ऐप को ज्यादा तरजीह दे रहा है.

Published - May 19, 2021, 12:39 IST