COVID-19 Vaccine: भारत में वैक्सीनेशन की बढ़ती डिमांड को देखते हुए सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड (Covishield) के लिए और भारत बायोटेक कोवैक्सीन (COVAXIN) के लिए विदेश में प्रोडक्शन बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं. भारत में आज से शुरू हुए तीसरे चरण के वैक्सीनेशन में कई राज्यों सिर्फ चुनिंदा जिलों में ही 18 वर्ष के ऊपर के लोगों को टीका लगाया जा रहा है. इसकी मुख्य वजह है वैक्सीन का अब तक राज्यों तक ना पहुंचना.
द टाइम्स को शुक्रवार को दिए इंटरव्यू में सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) के सीइओ (CEO) अदार पूनावाला ने कहा है कि वे अन्य देशों में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के उत्पादन की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में इसपर फैसले का ऐलान करेंगे.
सीरम इंस्टीट्यूट फिलहाल हर महीने लगभग 6-7 करोड़ वैक्सीन डोज का उत्पादन कर रहा है जिसे मई अंत तक बढ़ाकर 10 करोड़ प्रति माह करने की योजना है.
टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक वे अगले 6 महीने में प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाकर 2.5 से 3 अरब प्रति वर्ष करने की उम्मीद रखते हैं.
वहीं भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की ICMR के साथ मिलकर डेवलप की वैक्सीन कोवैक्सीन के लिए भी केंद्र सरकार विदेश में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए विदेश में प्रोडक्शन पर विचार कर रही है ताकि देश में आपूर्ति की जा सके. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार विदेश में प्रोडक्शन के लिए इच्छुक कंपनियों को कोवैक्सीन ऑफर करेगी. हालांकि इसके टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए नियम और शर्तें भारत बायोटेक ही तय करेगा.
देश में बढ़ते कोरोना संकट को कम करने के लिए वैक्सीनेशन में तेजी लाने की कोशिश है. इसी के मद्देनजर सरकार ने 18 वर्ष के सभी लोगों को वैक्सीनेशन (Vaccine) के लिए पात्र घोषित कर दिया है. हालांकि आज से सिर्फ चुनिंदा जगहों पर ही वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत हो पाई है. कई राज्यों ने वैक्सीनेशन की आपूर्ति ना होने का हवाला दिया है.