केंद्र ने शनिवार को राज्यों से कहा कि देश में एक मई से 18 से 45 साल तक के लोगों का कोविड रोधी टीकाकरण (Vaccination) शुरू होने से पहले और अधिक निजी केंद्रों का पंजीकरण किया जाए और संबंधित स्थलों पर प्रभावी भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए. इसने इस बात पर जोर दिया कि संबंधित आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण ‘‘केवल ऑनलाइन पंजीकरण’’ के माध्यम से किया जाए.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और कोविड-19 से निपटने संबंधी प्रौद्योगिकी एवं आंकड़ा प्रबंधन अधिकारप्राप्त समूह के अध्यक्ष आर एस शर्मा ने नई टीका रणनीति (तीसरा चरण) के प्रभावी क्रियान्वयन पर राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मार्गदर्शन के लिए शनिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की और रोगियों के लिए मौजूदा अस्पताल एवं चिकित्सीय उपचार अवसंरचना संबंधी उनकी योजना की समीक्षा की.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एक मई से शुरू हो रहे तीसरे चरण के टीकाकरण संबंधी रणनीति को लेकर राज्यों को सुझाव दिया गया कि वे निजी अस्पतालों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों के अस्पतालों, औद्योगिक संगठनों आदि की मदद से मिशन मोड में अतिरिक्त निजी कोविड-19 टीकाकरण केंद्र स्थापित करें.
मंत्रालय ने कहा कि उनसे यह भी कहा गया कि वे टीका प्राप्त कर चुके अस्पतालों, कोविन पोर्टल पर भंडार तथा कीमत की घोषणा और योग्य लाभार्थियों के लिए निर्धारित टीकाकरण के वास्ते कोविन पर पर्याप्त टीकाकरण स्लॉट उपलब्ध कराने संबंधी चीजों पर नजर रखें.
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा टीकों की सीधी खरीद को लेकर निर्णय वरीयता करने तथा 18-45 आयु समूह के लिए ‘केवल ऑनलाइन पंजीकरण’ को प्राथमिकता देने को कहा गया.
उनसे टीकाकरण केंद्रों (Vaccination Centres) के कर्मियों को टीकाकरण, इसके बाद किसी प्रतिकूल प्रभाव की स्थिति में संबंधित जानकारी देने और प्रबंधन करने, कोविन के इस्तेमाल और प्रभावी भीड़ प्रबंधन के लिए कानून एवं व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों के साथ समन्वय करने संबंधी प्रशिक्षण देने को भी कहा गया.
अस्पतालों में भर्ती मरीजों के प्रभावी चिकित्सीय उपचार के लिए अवसंरचना संवर्धन पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा गया कि वे रोजाना आ रहे संक्रमण के नए मामलों के मद्देनजर अस्पताल एवं अन्य उपचार स्थल संबंधी बुनियादी ढांचे की समीक्षा करें.
बयान में कहा गया कि राज्यों को सुझाव दिया गया कि वे समग्र संवर्धन योजना तैयार करने एवं क्रियान्वयन के लिए अतिरिक्त समर्पित कोविड अस्पतालों की पहचान करें और डीआरडीओ, सीएसआईआर या सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इस तरह की अन्य एजेंसियों की मदद से फील्ड अस्पताल प्रतिष्ठान तैयार करें.
केंद्र ने राज्यों से कहा कि वे पर्याप्त रूप से ऑक्सीजन युक्त बिस्तर, आईसीयू बिस्तर और ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करें तथा बिस्तर प्रदान करने के लिए केंद्रित कॉल सेंटर सेवा शुरू करें और उचित प्रशिक्षण के साथ आवश्यक मानव संसाधन की तैनाती करें.
उनसे लक्षमुक्त और हल्के लक्षण वाले रोगियों के लिए निर्धारित कोविड देखरेख केंद्रों को विस्तारित करने को भी कहा गया, जिससे कि उन सभी लोगों, जो खुद को घर में पृथक नहीं कर सकते या जो संस्थागत पृथक-वास चाहते हैं, की संबंधित स्थलों और देखभाल तक पहुंच हो.
राज्यों से यह भी कहा गया कि वे घरों में पृथक-वास में रह रहे लोगों को टेलीमडिसिन सेवा उपलब्ध कराएं और ऑक्सीजन, वेंटिलेटर तथा दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता तथा प्रशिक्षित डॉक्टरों के तहत देखभाल सुनिश्चित करें.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि कोविड-19 संबंधी ड्यूटी पर तैनात आशा और अग्रिम पंक्ति के अन्य कर्मियों को उचित एवं नियमित पारिश्रमिक प्रदान किया जाए.
मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अस्पताल अवसंरचना संवर्धन के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख किया.