कोविड महामारी के इस दौर में डॉक्टरों और दूसरे मेडिकल स्टाफ ने अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों की जिंदगियां बचाने की हर मुमकिन कोशिश की है.
मरीजों का इलाज करने में बड़ी संख्या में डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे मेडिकल स्टाफ को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना की वजह से अब तक 1,342 डॉक्टरों की मौत हुई है. साथ ही बड़ी संख्या में दूसरे मेडिकल कर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.
टेस्ट करने वाले भी जोखिम में
लेकिन, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मुस्तैदी से अपनी भूमिका निभा रहे एक तबके की ओर कम ही ध्यान जाता है. ये ऐसा स्टाफ है जो कि लोगों के घरों पर जाकर RT-PCR टेस्ट के सैंपल कलेक्शन करता है.
इसके अलावा, सेंटरों में टेस्ट करने वाले और सैंपल्स की जांच करने वाले लोग भी इस तबके में शामिल हैं.
इनका भी वायरस से उतना ही सामना होता है और इनकी जान भी जोखिम में रहती है.
कंपनियां अपने कर्मचारियों की मदद को आगे आईं
हालांकि, कोविड से इस जंग में कई कंपनियों ने मदद के हाथ बढ़ाए हैं और ये कंपनियां अलग-अलग तरह से अपने कर्मचारियों की मदद करने की कोशिश कर रही हैं.
मसलन, स्विगी जैसी कई कंपनियां न सिर्फ अपने कर्मचारियों की बल्कि उनके परिवार के भी वैक्सीनेशन का पूरा खर्च उठा रही हैं. कई कंपनियां कोविड से मरने वाले अपने कर्मचारियों के परिवारों को पेंशन समेत दूसरे फायदे दे रही हैं. टाटा स्टील ने ऐलान किया है कि वह कोविड से मरने वाले अपने कर्मचारियों के परिवारों को उन कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र यानी 60 साल तक सैलरी देगी.
इसी कड़ी में अब RT-PCR टेस्ट करने वाले अपने कर्मचारियों की मदद के लिए एक स्टार्टअप हेल्थियंस (Healthians) ने भी कदम बढ़ाया है.
युवराज सिंह के समर्थन वाला स्टार्टअप कर रहा मदद
ऐसे ही लोगों की मदद के लिए हेल्थकेयर स्टार्टअप हेल्थियंस (Healthians) ने हाथ आगे बढ़ाया है. हेल्थियंस ने अपनी टीम के इन मजबूत योद्धाओं का ही नहीं, बल्कि इनके परिवार का भी मेडिक्लेम और जीवन बीमा करवाया है.
गौरतलब है कि इस स्टार्टअप (Healthians) को मशहूर क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का समर्थन हासिल है.
स्टाफ के साथ परिवारों को भी दिया बीमा कवर
हेल्थियंस (Healthians) की हर मुमकिन कोशिश यही है कि सैंपल कलेक्ट करने वाले राइडर से लेकर लैब में कोविड सैंपल टेस्ट करने वाले टेक्नीशियंस को इस महामारी के खिलाफ कवर मिल सके. इसी मकसद से इन कर्मियों के साथ ही इनके परिवारों को भी मेडिक्लेम और लाइफ इंश्योरेंस से कवर किया गया है.
हेल्थियंस होम टेस्टिंग सर्विस स्टार्टअप है. देश के 90 शहरों में इसका कामकाज मौजूद है. हेल्थियंस (Healthians) के फाउंडर और सीईओ दीपक साहनी ने इस मुहिम के बारे में कहा है, “हेल्थियंस कोविड वायरस के खिलाफ इस जंग में अपनी टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है ताकि सरकार और लोगों को कोई दिक्कत न हो और यह जंग जल्द ही जीती जाए.”
गौरतलब है कि इससे पहले भी टीम हेल्थियंस (Healthians) ने बेंगलुरु में डॉक्टरों और नर्सों की मदद के लिए रोबोट रखे थे. गुरुग्राम में कंपनी ने ड्राइव थ्रू टेस्टिंग सेंटर खोला था और फरीदाबाद में मोबाइल लैब के जरिए कोरोना की जांच का काम किया था.