स्पुतनिक V को मिली CDSCO से मंजूरी, कोरोना की लड़ाई में भारत के तरकश में जुड़ेगी एक और वैक्सीन

Sputnik V कोविड-19 के खिलाफ 91.6 फीसदी कारगर है. डॉ रेड्डीज ने इस वैक्सीन के लिए रशिया डायरेक्ट डेवलपेंट फंड (RDIF) के साथ करार किया है

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बढ़ते कोरोना मामलों के बीच एक उम्मीदी की खबर है. भारत को तीसरी वैक्सीन की खुशखबरी मिल सकती है. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की बनाई सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने  रूस की डेवलप की वैक्सीन स्पुतनक-5 (Sputnik V) को इमरजेंसी इस्तेमाल में लाने के लिए मंजूरी दे दी है और इसके लिए केंद्र से मंजूरी की सिफारिश भी की है . PTI के सूत्रों के हवाले से जानकारी है कि CDSCO के एक्सपर्ट पैनल ने कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक-5 के आपातकाल इस्तेमाल के लिए मंजूरी की सिफारिश की है.

अब तक देश में सिर्फ दो वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिली है – एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड जिसे सीरम इंस्टिट्यूट बना रहा है और कोवैक्सीन जिसे स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक ने ही डेवलप किया है. स्पुतनिक-5 को मंजूरी मिलने से भारत को तीसरे चरण के वैक्सीनेशन ड्राइव में भी मदद मिलेगी. ध्यान रहे 14 अप्रैल तक भारत में टीका उत्सव भी मनाया जा रहा है.

इससे पहले 2 अप्रैल को हुई बैठक में वैक्सीन (Sputnik V) को मंजूरी देने के लिए बनाई सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने डॉ रेड्डीज लैब से वैक्सीन पर और जानकारी मांगी थी. तब कंपनी ने फेज 2 के क्लिनिकल ट्रायल के डाटा के आधार पर स्पूतनिक V को मंजूरी दिलाने के लिए आवेदन दिया था. भारत में किए फेज 2 ट्रायल में 1500 लोग शामिल थे. अभी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल जारी है.

Sputnik V: कितना प्रोडक्शन, कितनी कारगर क्षमता?

भारतीय फार्मा कंपनी डॉक्टर रेड्डीज लैब ने इस वैक्सीन के लिए रशिया डायरेक्ट डेवलपेंट फंड (RDIF) के साथ करार किया है जिसके तहत वे भारत में इसका प्रोडक्शन करेंगे. लैंसट के डाटा के मुताबिक वैक्सीन (Sputnik V) कोविड-19 के खिलाफ 91.6 फीसदी कारगर है. इस वैक्सीन की भी दो डोज देने की जरूरत पड़ती है. फिलहाल दुनियाभर में सिर्फ जॉनसन एंड जॉनसन की बनाई वैक्सीन जैनसन है जिसका सिर्फ एक डोज दिया जाता है.

डॉ रेड्डीद के साथ ही RDIF ने विरकॉ बायोटेक के साथ भी करार किया है जिसके तहत भारत में एक साल में 20 करोड़ डोज बनाने का लक्ष्य है. अप्रैल में ही RDIF ने स्पुतनिक-5 (Sputnik V) के प्रोडक्शन के लिए स्टेलिस बायोफार्मा के साथ मिलकर 20 करोड़ और पैनेसिया बायोटेक के साथ मिलकर साल में 10 करोड़ डोज बनाने के लिए करार किया है.

इस वैक्सीन को 2 डिग्री सेलशियस से 8 डिग्री तापमान के बीच स्टोर किया जा सकता है जिससे एक्सपर्ट्स मानते हैं कि लॉजिस्टिक्स की दिक्कत कम होगी.

भारत में अब तक 10,45,28,565 वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है जिसमें से 9.15 करोड़ को पहला डोज मिला है जबकि 1.29 करोड़ को दूसरी डोज दी जा चुकी है. भारत ने 85 दिनों में 10 करोड़ वैक्सीन डोज का आंकड़ा हासिल किया. देश में एक दिन में 1.68 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमिक पाए गए हैं जो अब तक के सर्वाधिक मामले हैं.

अन्य वैक्सीन को कब मिली थी मंजूरी?

भारत में सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने 1 जनवरी को ही सीरम इंस्टिट्यूट के मैन्युफैक्चर किए कोविशील्ड को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी जिसके बाद वैक्सीन को 4 जनवरी को सरकार से इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी. 16 जनवरी से भारत में वैक्सीनशेन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. वहीं कोवैक्सीन को दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के डाटा के आधार पर ही इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई थी.

Published - April 12, 2021, 04:22 IST