आ गई एक डोज वाली वैक्सीन स्पुतनिक लाइट, कोरोना मामलों में 80% कारगर

Sputnik Light: स्पुतनिक लाइट को रूस में इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. इस कोविड-19 रोधी वैक्सीन की कीमत 10 डॉलर से कम बताई जा रही है.

covid-19, Sputnik V, Covishield, vaccines, vaccines mixing, Moderna Corona vaccine

फिलहाल सरकार लोगों को दोनों खुराक के लिए एक ही टीके का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखेगी.

फिलहाल सरकार लोगों को दोनों खुराक के लिए एक ही टीके का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखेगी.

Sputnik Light: रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) की डेवलेप की वैक्सीन स्पुतनिक-V ने सिर्फ एक डोज वाली वैक्सीन लॉन्च की है. ये है स्पुतनिक लाइट जिसे कंपनी ने कोरोना मामलों में 80 फीसदी कारगर बताया है. अब तक स्पुतनिक-V की दो डोज दी जाती है. स्पुतनिक लाइट को रूस में इस्तेमाल की मंजूरी मिली है.

कंपनी की ओर से दिए बयान में बताया गया है कि स्पुतनिक लाइट वैक्सीन ने इंजेक्शन के 28 दिनों बाद 79.4 फीसदी की सफलता दिखाई है. ये ट्रायल रूस में 5 दिसंबर 2020 से 15 अप्रैल 2021 तक किया गया है.

Sputnik Light: स्पुतनिक लाइट क्यों है खास?

बयान के मुताबिक स्पुतनिक लाइट (Sputnik Light) कोरोना वायरस के सभी स्ट्रेन या वेरिएंट पर कारगर है और इसका कोई साइड-इफेक्ट भी नहीं है. वहीं ट्रायल में जिन्हें वैक्सीन लगाई गई उनमें से 96.9 फीसदी लोगों में इंजेक्शन लगने के 28वें दिन तक एंटिबॉडी बन गई थीं.

इस वैक्सीन की कीमत 10 डॉलर से कम लगाई जा रही है.

स्पुतनिक-V ने कहा है कि स्पुतनित लाइट लंबे समय तक कोरोना के खिलाफ सुरक्षा देती है और बेहतर साबित हुई है. हालांकि उन्होंने ये भी साफ किया कि अभी भी स्पुतनिक-V ही उनकी प्रमुख वैक्सीन रहेगी. विश्वभर में अब तक लगभग 2 करोड़ लोगों को स्पुतनिक-V की पहली डोज दी जा चुकी है.

भारत में स्पुतनिक-V

भारत में फिलहाल स्पुतनिक-V को ही इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए ड्रग रेगुलेटर और सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी से मंजूरी मिल चुकी है.

भारत में डॉ रेड्डीज लैब ने स्पुतनिक-V का क्लिनिकल ट्रायल किया है और इसी कंपनी ने इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन भी दिया था. इसके अलावा कई और भारतीय फार्मा कंपनियों के साथ RDIF ने वैक्सीन उत्पादन के लिए करार किया है.

स्पतुनिक-V ने दावा किया है कि एक डोज वाली स्पुतनिक लाइट (Sputnik Light) कोरोना की रोकथाम में 80 फीसदी सफल पाई गई है. सिर्फ एक डोज होने की वजह से ये ज्यादा लोगों का ज्यादा तेजी से टीकाकरण किया जा सकेगा. एक ओर टीकाकरण पूरा होने के लिए हफ्तों इंतजार नहीं करना होगा तो वहीं प्रति व्यक्ति सिर्फ एक डोज की ही जरूरत होगी जिससे कम वैक्सीन में ज्यादा लोगों का टीकाकरण होगा.

Published - May 6, 2021, 07:28 IST