वैक्सीन सप्लाई में भारत को ही दी प्राथमिकता लेकिन वायरस नहीं देखता बॉर्डर: सीरम इंस्टीट्यूट

COVID-19 Vaccine: SII ने कहा है कि मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने पर काम कर रहे हैं और प्राथमिकता भारत को ही दी जा रही है. वे साल के अंत तक कोवैक्स के तहत डिलिवरी कर सकेंगे.

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भारत में सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक सीरम इंस्टीट्यूट ने एक्सपोर्ट को लेकर आलोचना के बीच सफाई दी है कि उन्होंने हमेशा भारत की वैक्सीन जरूरत को प्राथमिकता दी है. SII ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा है कि उन्होंने अब तक भारत में 20 करोड़ कोविड-19 (COVID-19) रोधी वैक्सीन कोविशील्ड सप्लाई की है और अब साल के अंत तक वैक्सीन का एक्सपोर्ट शुरू करेंगे.

सीरम इंस्टीट्यूट ने अपने बयान में कहा है कि अमेरिकी फार्मा कंपनियों के मुकाबले 2 महीने की देरी से इमरजेंसी इस्तेमाल के बावजूद उन्होंने 20 करोडड वैक्सीन डिलिवर की है. वैक्सीन उत्पादन और डिलिवरी के मामले में उन्होंने खुद को दुनिया की टॉप 3 कंपनियों में बताया है.

SII ने ट्विटर पर साझा किए अपने बयान में कहा है कि वे मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने पर काम कर रहे हैं और प्राथमिकता भारत को ही दी जा रही है. कंपनी ने साफ किया है कि उन्हें उम्मीद है कि वे साल अंत तक कोवैक्स के तहत डिलिवरी शुरू कर देंगे.

गौरतलब है कि कल ही वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने सीरम इंस्टीट्यूट से कोवैक्स के तहत वैक्सीन उपलब्धता को लेकर सवाल किया था. कोवैक्स WHO द्वारा चलाई जा रही मुहिम है जिसके तहत गरीब देशों को कोविड-19 रोधी वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है. भारत से सिर्फ SII की बनी वैक्सीन को ही WHO से मंजूरी प्राप्त है, कोवैक्सीन को अभी ये मंजूरी नहीं मिली.

SII ने अपने बयान में कहा है कि देश की आबादी को देखते हुए 2-3 महीने में टीकाकरण पूरा करना संभव नहीं है. इसमें कई चुनौतियां हैं. वहीं दुनिया भर को पूरी तरह वैक्सीनेट होने में 2-3 साल का समय लग सकता है.

हालांकि, ग्लोबल जिम्मेदारी का हवाला देते हुए SII ने कहा, “हमें ये समझना होगा कि महामारी भौगोलिक या राजनीतिक सीमाओं में बंधा हुआ नहीं है. हम तब तक पूरी तरह सुरक्षित नहीं होंगे जब तक पूरी दुनिया इस वायरस को वैश्विक स्तर पर मात नहीं दे देती. COVAX के तहत हमारी कुछ जिम्मेदारियां है ताकि पूरा विश्व इस महामारी से लड़ सके.”

Published - May 18, 2021, 07:37 IST