Sputnik-V: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने देश में कोविड-19 टीका स्पुतनिक-वी बनाने के लिए परीक्षण लाइसेंस की अनुमति मांगते हुए भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) को आवेदन दिया है. सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
पुणे स्थित कंपनी ने विश्लेषण और जांच के लिए भी परीक्षण लाइसेंस की मंजूरी दिए जाने का अनुरोध किया है.
इस समय डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज भारत में रूस के स्पूतनिक वी टीके के सप्लाई का काम कर रही है. कंपनी ने उत्पादन के लिए भी करार किया हुआ है. इसके अलावा पेनेसिया बायोटेक जैसी कई और कंपनियों ने स्पुतनिक-वी के उत्पादन के लिए RDIF (रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड) से करार किया है.
हालांकि, देश में अभी लगाई जा रही स्पुतनिक-वी (Sputnik-V) रूस से आयात की जा रही है. इसी हफ्ते रूस से 30 लाख वैक्सीन की तीसरी खेंप हैदराबाद पहुंची. इस वैक्सीन के लिए डॉ रेड्डीस लैब ने अपोलो हॉस्पिटल्स के साथ करार किया है जहां ये टीके लगाए जा रहे हैं. इन वैक्सीन के लिए 995 रुपये प्रति डोज चार्ज देना होगा.
एक सूत्र ने बताया, ‘‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) को बुधवार को एक आवेदन दिया, जिसमें कोविड-19 टीके स्पूतनिक वी के भारत में निर्माण के लिए परीक्षण लाइसेंस दिए जाने की अनुमति मांगी गई है.’’
सीरम इंस्टीट्यूट (SII) पहले ही सरकार को बता चुका है कि वह जून में 10 करोड़ कोविशील्ड खुराकों का उत्पादन और आपूर्ति करेगा. वह नोवावैक्स टीका भी बना रहा है. नोवावैक्स के लिए अमेरिका से नियामक संबंधी मंजूरी अभी नहीं मिली है.
दवा रेगुलेटर डीसीजीआई ने अप्रैल में रूस की डेवलप की इस वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी. 65 से ज्यादा देशों में इस वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है.
स्पूतनिक वी (Sputnik-V) की 30 लाख खुराक की खेप मंगलवार को हैदराबाद पहुंची थी.
कोविन प्लेटफॉर्म के मुताबिक अब तक देश में 19.38 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन डोज लगाई गई है.
(PTI इनपुट के साथ)