SCL: कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए केंद्र सरकार ने स्टाफ के हित में बड़ा फैसला लिया है.
इसके तहत केंद्र सरकार ने अपने सभी स्टाफ को कोरोना संक्रमित परिजन की देखभाल करने के लिए 15 दिन का स्पेशल कैजुअल लीव (SCL) देने का ऐलान किया है.
अगर केंद्र सरकार के किसी स्टाफ के पेरेंट्स या अन्य परिजन कोरोना पॉजिटिव हो जाते हैं, तो उसकी देखभाल के लिए 15 दिनों का विशेष कैजुअल लीव दिया जा सकता है.
पर्सनल मिनिस्ट्री के आदेश में कहा गया है, अगर केंद्र सरकार के किसी स्टाफ के परिजन को कोरोनावायरस संक्रमण होने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है, तो 15 दिन के स्पेशल कैजुअल लीव के बाद भी उन्हें किसी तरह का बकाया लीव मिल सकता है.
वह अस्पताल से अपने परिजन के डिस्चार्ज होने तक इस तरह की छुट्टियां ले सकते हैं. अगर कोई सरकारी नौकरी करने वाला व्यक्ति खुद कोरोना पॉजिटिव हो जाता है तो उसे 20 दिन की सीधी छुट्टी मिल सकती है.
कोरोना पॉजिटिव होने के बाद होम आइसोलेशन या क्वारंटीन में रहने पर भी यह छुट्टी ली जा सकती है। अगर कोई सरकारी स्टाफ कोरोनावायरस संक्रमित पाया गया है और ओम आइसोलेशन के बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है तो उसे कोरोनावायरस संक्रमण के बाद से ही 20 दिन तक का कमयूटेड लीव/एससीएल/अर्न्ड लीव आदि मिल सकता है।
अगर कोरोना संक्रमित स्टाफ अस्पताल में भर्ती हो जाता है और उसे 20 दिन से अधिक भर्ती रहना पड़ता है, तो उसे अस्पताल में भर्ती रहने का सबूत दिखाने पर कमयूटेड लीव दिया जा सकता है.
किसी स्टाफ को स्पेशल कैजुअल लीव के रूप में 15 दिन की छुट्टी दी जा सकती है, अगर उसका कोई परिजन या पेरेंट्स कोविड-19 से संक्रमित पाया जाता है.
अगर कोई सरकारी स्टाफ किसी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के सीधे संपर्क में आता है और इस वजह से होम आइसोलेशन में रहता है उसे शुरुआती 7 दिन तक ऑन ड्यूटी माना जाएगा.